क्या दक्षिण कोरिया ने चीन को जापान से आगे रखा?

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क्या दक्षिण कोरिया ने चीन को जापान से आगे रखा?

सारांश

दक्षिण कोरिया ने पूर्वोत्तर एशिया के तीन देशों के नामों के क्रम को मानकीकृत किया है। इस निर्णय से कोरियाई समाज में सांस्कृतिक बदलाव का संकेत मिलता है। क्या यह चीन के साथ संबंध सुधारने की दिशा में एक कदम है? जानें इस महत्वपूर्ण खबर के पीछे का सच।

Key Takeaways

  • दक्षिण कोरिया ने देशों के नामों का क्रम बदला है।
  • इस बदलाव का उद्देश्य सांस्कृतिक एकीकरण है।
  • चीन के साथ संबंध सुधारना एक महत्वपूर्ण पहल है।

बीजिंग, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण कोरिया ने तीन पूर्वोत्तर एशियाई देशों के नामों के क्रम को 'दक्षिण कोरिया, चीन और जापान' के रूप में मानकीकृत किया है। यह घोषणा 16 नवंबर को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति भवन द्वारा की गई।

राष्ट्रपति भवन ने बताया कि यह एकीकरण कोरियाई उपयोग की आदतों के आधार पर किया गया। 'दक्षिण कोरिया, चीन और जापान' का क्रम कोरियाई समाज में अधिक सामान्यतः उपयोग किया जाता है।

पूर्व राष्ट्रपति यूं सेओक-यूल के कार्यकाल में, दक्षिण कोरिया की सरकार ने जापान के साथ सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कोरियाई अभिव्यक्ति में आम तौर पर इस्तेमाल किए गए 'दक्षिण कोरिया-चीन-जापान' को बदलकर 'दक्षिण कोरिया-जापान-चीन' कर दिया था।

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, ली जे-म्यांग सरकार चीन के साथ संबंध सुधारने में जुटी है। ऐसे में इस कदम को चीन के प्रति सद्भावना दिखाने के अप्रत्यक्ष तरीकों में से एक माना जा सकता है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

बल्कि क्षेत्रीय संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

दक्षिण कोरिया ने देशों के नामों के क्रम को क्यों बदला?
दक्षिण कोरिया ने यह बदलाव कोरियाई उपयोग की आदतों के आधार पर किया है।
इस बदलाव का चीन के साथ संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह कदम चीन के प्रति सद्भावना दिखाने के अप्रत्यक्ष तरीकों में से एक माना जा सकता है।
क्या यह बदलाव पूर्व राष्ट्रपति के निर्णय से जुड़ा है?
हाँ, यह बदलाव पूर्व राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान किए गए निर्णयों से प्रभावित है।
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