क्या झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम न जारी होने से अभ्यर्थियों का गुस्सा फूटा?
सारांश
Key Takeaways
- जेपीएससी द्वारा परीक्षा परिणामों में देरी से अभ्यर्थियों में गुस्सा है।
- प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर सत्याग्रह कर रहे हैं।
- अभ्यर्थियों ने पारदर्शिता की कमी के खिलाफ आवाज उठाई।
रांची, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा विभिन्न पदों के लिए आयोजित परीक्षाओं के परिणाम की लंबी प्रतीक्षा ने अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा है। छात्रों और युवाओं ने सोमवार को जेपीएससी कार्यालय के समक्ष सत्याग्रह प्रारंभ किया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि फूड सेफ्टी ऑफिसर और चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट ऑफिसर (सीडीपीओ) के पदों की परीक्षा के परिणाम की घोषणा में एक वर्ष से अधिक समय लग चुका है। आयोग ने न तो परिणाम घोषित किया है और न ही किसी निश्चित समयसीमा की जानकारी दी है। छात्रों ने बताया कि इतनी लंबी प्रतीक्षा ने उनके भविष्य को अनिश्चितता में डाल दिया है।
प्रदर्शन कर रहे युवाओं का कहना है कि यह परीक्षा प्रक्रिया वर्ष 2023 से चल रही है। मुख्य परीक्षा वर्ष 2024 में आयोजित की गई, परंतु अब तक परिणाम जारी नहीं किया गया। आयोग का परीक्षा कैलेंडर भी विफल साबित हुआ है।
आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करने वाले अभ्यर्थियों ने कहा है कि आयोग ने जल्द ही परिणाम जारी करने का आश्वासन दिया है, लेकिन यह आश्वासन सुनते-सुनते महीने बीत गए हैं। प्रदर्शनकारी युवाओं ने कहा कि जब तक आयोग लिखित और औपचारिक घोषणा नहीं करता, उनका विरोध जारी रहेगा।
कई उम्मीदवारों ने यह भी सवाल उठाया कि जब परीक्षा संपन्न हो चुकी है, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी हो चुका है और तकनीकी प्रक्रिया में कोई रुकावट नहीं है, तो देरी का कारण आयोग स्पष्ट क्यों नहीं कर रहा। छात्रों का कहना है कि पारदर्शिता की कमी विश्वास को कमजोर कर रही है, और लंबे इंतजार के कारण कई अभ्यर्थियों की आयुसीमा और अवसर प्रभावित हो रहे हैं।
धरनास्थल पर अभ्यर्थियों ने 'रिजल्ट जारी करो' और 'जेपीएससी जवाब दो' जैसे शांतिपूर्ण नारे लगाए। उन्होंने कहा कि जब तक आयोग कोई निश्चित तिथि घोषित नहीं करता, उनका आंदोलन जारी रहेगा। वर्तमान में, जेपीएससी की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।