क्या जेएसएससी-सीजीएल रिजल्ट का रास्ता साफ हो गया?
सारांश
Key Takeaways
- झारखंड हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच की याचिका को खारिज किया।
- जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा 21 और 22 सितंबर 2024 को हुई थी।
- कोर्ट ने परीक्षा का परिणाम जारी करने का आदेश दिया।
- राज्य सरकार ने पेपर लीक के आरोपों को नकारा।
- 823 परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों की संख्या 3,04,769 थी।
रांची, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड हाई कोर्ट ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (जेएसएससी-सीजीएल) में कथित पेपर लीक की सीबीआई जांच की याचिका को खारिज कर दिया है।
राज्य सरकार, आयोग और याचिकाकर्ताओं के बीच हुई विस्तृत बहस के बाद मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने 3 नवंबर को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था। अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए जेएसएससी को परीक्षा का परिणाम जारी करने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा था, जबकि जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजॉय पिपरवाल प्रस्तुत हुए थे। याचिकाकर्ताओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार सिन्हा और हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार ने दलीलें दी थीं।
राज्यभर के 823 परीक्षा केंद्रों पर करीब दो हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति के लिए जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा 21 और 22 सितंबर 2024 को आयोजित हुई थी। परीक्षा में 3,04,769 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। आयोग ने इस परीक्षा के आधार पर 5 दिसंबर 2024 को 2,145 अभ्यर्थियों को शॉर्टलिस्ट किया था।
इसी बीच, परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर राजेश कुमार एवं अन्य ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए 17 दिसंबर 2024 को परिणाम प्रकाशित करने पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इसके बाद अदालत में कई तारीखों पर सुनवाई हुई।
राज्य की ओर से बताया गया कि अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) की जांच में अब तक पेपर लीक का कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं मिला है, जबकि आयोग के अधिवक्ताओं ने भी किसी तरह की लीक की घटना से इनकार किया। दूसरी ओर, याचिकाकर्ताओं ने प्रश्नपत्रों की पुनरावृत्ति, कई परीक्षा केंद्रों के बाहर के वीडियो और अन्य तथ्यों के आधार पर सीबीआई जांच की मांग दोहराई थी।