क्या एस जयशंकर ने श्रीलंका के पीएम अमरसूर्या से मुलाकात कर पुनर्निर्माण में भारत की मदद का भरोसा दिया?
सारांश
Key Takeaways
- भारत के विदेश मंत्री ने श्रीलंका के पुनर्निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।
- दितवाह तूफान के बाद भारत का सहयोग महत्वपूर्ण रहा है।
- दोनों देशों के बीच गहरे रिश्ते हैं जो संकट के समय में उजागर होते हैं।
कोलंबो, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कोलंबो में श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या के साथ एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस अवसर पर विदेश मंत्री ने दितवाहपक्की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साझा किया, "आज कोलंबो में श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या से मिलकर खुशी हुई। दितवाहपक्की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। भारत का दिया गया पुनर्निर्माण पैकेज हमारे दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों को दर्शाता है।"
इससे पूर्व, विदेश मंत्री जयशंकर ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “मैं यहां पीएम मोदी के खास दूत के तौर पर पहुंचा हूं और राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के लिए एक संदेश लेकर आया हूं। राष्ट्रपति ने आज सुबह मेरा स्वागत किया और हमने तूफान दितवाह से हुए नुकसान पर विस्तार से चर्चा की। पीएम मोदी का जो पत्र मैंने सौंपा, वह हमारी फर्स्ट रेस्पॉन्डर भूमिका को आगे बढ़ाता है और श्रीलंका को 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर का पुनर्निर्माण पैकेज देने का वादा करता है।”
उन्होंने कहा, “हमारी बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि इस वादे को कितनी जल्दी पूरा किया जा सकता है। आपके सबसे करीबी पड़ोसी के रूप में, यह स्वाभाविक था कि भारत ऐसे समय में आगे आए, जब श्रीलंका संकट का सामना कर रहा था। हमने ऐसा तब भी किया है, जब आप आर्थिक समस्याओं से गुजर रहे थे।”
एस जयशंकर ने बताया, “हमारा एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी कोलंबो में स्थित थे और उन्होंने राहत का सामान पहुंचाया। इसके बाद, भारतीय वायुसेना के कई एमआई-17 हेलीकॉप्टर दो हफ्ते से अधिक समय तक श्रीलंका में सक्रिय रहे। 80 लोगों की नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स की टुकड़ी ने बचाव और राहत ऑपरेशन चलाए।”