क्या पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान में प्रदर्शनकारियों ने चीन के साथ व्यापार रोका?

सारांश
Key Takeaways
- गिलगित-बाल्टिस्तान में व्यापार ठप पड़ा है।
- प्रदर्शनकारियों ने चीन से आयात पर करों से छूट की मांग की है।
- सोस्त ड्राई पोर्ट पर 280 खेपें फंसी हुई हैं।
- यह आंदोलन 70 वर्षों के अधिकारों की मांग का हिस्सा है।
- स्थानीय नेताओं का समर्थन प्राप्त है।
इस्लामाबाद, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान और चीन के बीच खंजराब दर्रे के माध्यम से होने वाला व्यापार और आवागमन लगभग तीन सप्ताह से ठप है। कराकोरम हाईवे पर सोस्त में चल रहा धरना दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियों को रोकने में सफल रहा है। सोमवार को यह धरना 23वें दिन में प्रवेश कर गया, जिससे सोस्त ड्राई पोर्ट पर कारोबार भी पूरी तरह बंद हो गया है।
ताजिर इत्तेहाद एक्शन कमेटी द्वारा आयोजित इस धरने को स्थानीय व्यापार संगठनों, विपक्षी दलों और धार्मिक समूहों का समर्थन मिल रहा है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि चीन से खंजराब दर्रे के माध्यम से आयात किए गए उत्पादों पर आयकर, बिक्री कर और अन्य संघीय करों से गिलगित-बाल्टिस्तान के निवासियों को छूट प्रदान की जाए।
इसके अतिरिक्त, वे सोस्त ड्राई पोर्ट पर एक वर्ष से फंसी 280 खेपों के लिए कस्टम क्लीयरेंस की मांग कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
धरने को संबोधित करते हुए पीएमएल-एन हंजा के अध्यक्ष रेहान शाह ने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग लंबे समय से अपने संवैधानिक और कानूनी अधिकारों की मांग कर रहे हैं। उनके अनुसार, विभिन्न राजनीतिक, धार्मिक और व्यापारिक संगठन इन मांगों का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि इस क्षेत्र को पिछले 70 वर्षों से संवैधानिक और कानूनी अधिकार नहीं दिए गए हैं।
पीपीपी के स्थानीय अध्यक्ष जहूर करीम ने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान के निवासियों से केवल तब टैक्स वसूला जाना चाहिए, जब उन्हें पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और सीनेट में प्रतिनिधित्व मिले। उन्होंने कहा कि "पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों की आर्थिक हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
उन्होंने आरोप लगाया कि संघीय राजस्व बोर्ड (एफबीआर) ऐसी नीतियां लागू कर रहा है, जो गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों को उनके आर्थिक संसाधनों से वंचित करती हैं। उनके अनुसार, पाकिस्तान और चीन के बीच व्यापार एक वर्ष से बंद है और सोस्त पोर्ट पर अरबों रुपये का माल फंसा हुआ है।