क्या हमास ने कैदी विनिमय के लिए शांति वार्ता की शर्तें रखीं?

सारांश
Key Takeaways
- हमास ने 20-सूत्रीय योजना पेश की है।
- पूर्ण युद्धविराम की मांग की गई है।
- इजरायली सेना की वापसी की आवश्यकता है।
- वार्ता संभावित रूप से एक सप्ताह तक चलने की उम्मीद है।
- बंदियों की रिहाई के लिए कड़ी शर्तें रखी गई हैं。
बीजिंग, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। फिलिस्तीनी इस्लामिक प्रतिरोध आन्दोलन (हमास) ने इजरायली बंदियों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई से संबंधित अपनी “20-सूत्रीय योजना” के कार्यान्वयन के लिए कड़ी शर्तें निर्धारित की हैं। इनमें पूर्ण युद्धविराम, गाजा पट्टी के घनी आबादी वाले क्षेत्रों से इजरायली सेना की वापसी और अन्य सुरक्षा संबंधित मांगें शामिल हैं।
6 अक्टूबर को मिस्र में अमेरिका द्वारा प्रस्तुत इस “20-सूत्रीय योजना” के तहत हमास और इजरायल के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, जिसमें युद्ध विराम, कैदियों की रिहाई, और इजरायली सैनिकों की वापसी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
हमास के स्रोतों के अनुसार, कैदी विनिमय के लिए प्रमुख शर्तों में पूर्ण युद्धविराम का कड़ाई से पालन, जनवरी में हुए पिछले युद्धविराम समझौते के दौरान इजरायली सेना का अपने पूर्व ठिकानों पर लौटना, और इजरायली वायुसेना द्वारा प्रतिदिन कम से कम 10 घंटे तक लड़ाकू विमानों और ड्रोन की उड़ानें रोकना शामिल है। विशेष रूप से बंदियों की रिहाई के दिन यह अवधि 12 घंटे तक बढ़ाने की मांग की गई है।
यह वार्ता संभावित रूप से एक सप्ताह या इससे अधिक समय तक चल सकती है, और हमास इस पूरे समय में इन उपायों के कठोर पालन की मांग करता रहेगा।
(साभार – चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)