क्या हर साल 8 दिसंबर को मनाया जाता है दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन दिवस?
सारांश
Key Takeaways
- दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन का गठन 1985 में हुआ था।
- सार्क के आठ सदस्य देश हैं।
- सार्क का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
- राजनीतिक तनाव ने संगठन की गति को धीमा किया है।
- सार्क दिवस पर कार्यक्रम और चर्चाएं आयोजित की जाती हैं।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हर वर्ष 8 दिसंबर को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय एकता, सहयोग और विकास की भावना को प्रोत्साहित करना है। दक्षिण एशिया के आठ देश - अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका - इस संगठन के सदस्य हैं।
इन आठ देशों के अलावा, सार्क के 9 पर्यवेक्षक सदस्य भी हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, चीन, यूरोपीय संघ, ईरान, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मॉरीशस, म्यांमार और अमेरिका शामिल हैं।
सार्क का पहला शिखर सम्मेलन 1985 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आयोजित किया गया था। उसी समय संगठन की स्थापना हुई थी। तब से, हर साल 8 दिसंबर को इस क्षेत्रीय समूह की उपलब्धियों और चुनौतियों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है।
सार्क का मुख्य उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और तकनीकी क्षेत्रों में सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। इस संगठन ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, आपदा प्रबंधन, गरीबी उन्मूलन, ऊर्जा सुरक्षा और व्यापार जैसे कई क्षेत्रों में पहल की हैं।
सार्क यूनिवर्सिटी, सार्क डेवलपमेंट फंड और सार्क आपदा प्रबंधन केंद्र जैसी संस्थाओं के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग को साकार करने का प्रयास किया गया है।
हालांकि, राजनीतिक तनाव और द्विपक्षीय विवादों का असर सार्क सम्मेलनों पर भी पड़ा है। विशेष रूप से, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का सीधा असर इस संगठन की गति पर देखा गया है।
2014 के बाद से कोई भी सार्क शिखर सम्मेलन नहीं हुआ है। इस वर्ष सार्क दिवस के अवसर पर सदस्य देशों में विभिन्न कार्यक्रम, सेमिनार और चर्चाएं आयोजित की जा रही हैं, जिनमें सामूहिक विकास पर जोर दिया जा रहा है। सार्क के सदस्य देशों ने एक मुक्त व्यापार क्षेत्र (एफटीए) स्थापित किया है, जिससे उनके आंतरिक व्यापार में वृद्धि हुई है।