क्या कांगो में संघर्ष रोकने के लिए अफ्रीकी नेताओं की पहल सफल होगी?

Click to start listening
क्या कांगो में संघर्ष रोकने के लिए अफ्रीकी नेताओं की पहल सफल होगी?

सारांश

क्या अफ्रीकी नेताओं की पहल कांगो में संघर्ष को समाप्त कर पाएगी? युगांडा के एंटेबे में आयोजित समिट में क्षेत्रीय देशों के समाधान की आवश्यकता पर बल दिया गया। जानें, क्या हैं प्रमुख बातें और क्या हैं मौजूदा हालात।

Key Takeaways

  • अफ्रीकी नेताओं की पहल क्षेत्रीय संघर्ष समाधान पर जोर देती है।
  • समिट में ईएसी और एसएडीसी को शांति प्रयासों का नेतृत्व करने का निर्णय लिया गया।
  • रवांडा ने मौजूदा ढांचे को पर्याप्त बताया।
  • कांगो में संघर्ष का मुख्य कारण संसाधनों पर नियंत्रण है।
  • झगड़े का समाधान अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संभव है।

एंटेबे (युगांडा), २२ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) में चल रहे संघर्ष का सिलसिला अभी भी जारी है। इस संकट को समाप्त करने के लिए अफ्रीकी नेताओं ने क्षेत्रीय स्तर पर प्रयासों को बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि समस्याओं का समाधान क्षेत्रीय देशों के हाथों में होना चाहिए, जबकि अंतरराष्ट्रीय पहलों को भी सहायक भूमिका में लाना चाहिए।

युगांडा के एंटेबे में रविवार को एक दिवसीय रीजनल समिट का आयोजन किया गया। इसमें पूर्वी डीआरसी में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और ग्रेट लेक्स रीजन में इसके प्रभावों पर चर्चा की गई।

युगांडा के विदेश राज्य मंत्री जॉन मुलिम्बा ने बताया कि समिट में शामिल नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि ईस्ट अफ्रीकन कम्युनिटी (ईएसी) और दक्षिणी अफ्रीकन डेवलपमेंट कम्युनिटी (एसएडीसी) को बढ़ते संघर्ष का समाधान निकालने के लिए शांति प्रयासों का नेतृत्व करना चाहिए।

मुलिम्बा ने कहा, "हमारे पास दोहा और वाशिंगटन शांति प्रक्रिया जैसी पहलें हैं। इसलिए, हम इस पर सहमत हुए हैं कि ईएसी और एसएडीसी को केंद्रीय मंच पर होना चाहिए।"

समिट में यह भी तय किया गया कि १० दिनों के भीतर आधिकारिक बयान में संशोधन किया जाएगा, और प्रस्तावित क्षेत्रीय शांति ढांचे को शामिल करने के लिए दो सप्ताह के भीतर एक फॉलो-अप बैठक आयोजित की जाएगी।

समिट के दौरान जारी एक बयान में, रवांडा ने कहा कि नई शांति व्यवस्था बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। रवांडा के विदेश मंत्री विंसेंट बिरूता ने कहा कि दशकों से चल रहे इस झगड़े को सुलझाने के लिए मौजूदा ढांचा पर्याप्त है।

सिन्हुआ के अनुसार, बिरूता ने बताया कि इस संघर्ष में मुख्य चुनौती यह है कि पहले से हुए समझौतों को लागू नहीं किया गया है। उन्होंने वाशिंगटन समझौते और दोहा शांति पहल को इस झगड़े के आंतरिक और क्षेत्रीय पहलुओं को सुलझाने के लिए सबसे उपयुक्त ढांचा बताया।

बिरूता ने रवांडा की लिबरेशन ऑफ डेमोक्रेटिक फोर्सेज की मौजूदगी पर भी चिंता व्यक्त की। यह समूह १९९४ में तुत्सी लोगों के खिलाफ नरसंहार से जुड़ा हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस मुद्दे को सुलझाने में विफलता विश्वास को कम करती है और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनी हुई है।

इस महीने की शुरुआत में, रवांडा और डीआरसी ने वाशिंगटन में अमेरिका की मध्यस्थता में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसका उद्देश्य दशकों से चल रही लड़ाई को समाप्त करना था। हालांकि, तब से पूर्वी डीआरसी में झड़पें तेज हो गई हैं, और मार्च २३ मूवमेंट (एम२३) विद्रोही समूह नई जगहों पर आगे बढ़ रहा है। एम२३ ने इस हफ्ते कहा कि उसने उविरा से पीछे हटना शुरू कर दिया है। उविरा कांगो का एक महत्वपूर्ण पूर्वी शहर है, जिस पर एम२३ ने हाल में कब्जा किया था।

कांगो के पूर्वी क्षेत्र में कई दशकों से भीषण संघर्ष चल रहा है। यहाँ प्राकृतिक संसाधनों और क्षेत्रों पर नियंत्रण के लिए १०० से ज्यादा सशस्त्र समूह संघर्ष कर रहे हैं। हाल के दिनों में संघर्ष में और बढ़ोतरी देखी गई है, विशेषकर उस दुर्लभ खनिज पर नियंत्रण को लेकर, जिससे हमारे मोबाइल फोन और अन्य उपकरण चलते हैं।

Point of View

और इसे सुलझाने के लिए क्षेत्रीय नेतृत्व की आवश्यकता है। अफ्रीकी नेताओं की पहल सकारात्मक दिशा में एक कदम है, लेकिन इसे साकार करने के लिए ठोस प्रयास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

कांगो में संघर्ष का कारण क्या है?
कांगो में संघर्ष का मुख्य कारण प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण और सशस्त्र समूहों के बीच प्रतिस्पर्धा है।
अफ्रीकी नेताओं की समिट में क्या चर्चा हुई?
समिट में संघर्ष समाप्त करने के लिए क्षेत्रीय देशों की पहल और मौजूदा शांति कार्यक्रमों पर चर्चा की गई।
क्या रवांडा ने नई शांति व्यवस्था की आवश्यकता जताई?
नहीं, रवांडा ने मौजूदा शांति ढांचे को पर्याप्त बताया और नई व्यवस्था की आवश्यकता नहीं समझी।
मार्च २३ मूवमेंट (एम२३) क्या है?
मार्च २३ मूवमेंट एक विद्रोही समूह है जो पूर्वी कांगो में सक्रिय है और हाल ही में उविरा पर कब्जा किया था।
कांगो में संघर्ष का भविष्य क्या है?
संघर्ष का भविष्य अनिश्चित है, परंतु क्षेत्रीय सहयोग और अंतरराष्ट्रीय समर्थन से इसे सुलझाया जा सकता है।
Nation Press