क्या बांग्लादेश की मीडिया को हसीना के बयान प्रसारित करने से रोका जा रहा है?

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क्या बांग्लादेश की मीडिया को हसीना के बयान प्रसारित करने से रोका जा रहा है?

सारांश

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा दिए जाने के बाद, नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने मीडिया से उनके बयान न प्रसारित करने का निर्देश दिया है। यह कदम मीडिया की स्वतंत्रता पर प्रश्न उठाता है। जानें इस मामले की गहराई।

Key Takeaways

  • बांग्लादेश की नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने मीडिया को निर्देश दिया है।
  • शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है।
  • पत्रकारों ने न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता की मांग की है।

ढाका, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद, देश की नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने मीडिया संगठनों से उनके बयान प्रसारित न करने की अनुरोध की है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, यह निर्देश मंगलवार को जारी किया गया।

यह कदम अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस द्वारा अवामी लीग और उनकी नेता शेख हसीना की गतिविधियों को असंवैधानिक रूप से दबाने की एक और कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने कहा है कि वह इस पर "गंभीर रूप से चिंतित" है कि कुछ मीडिया संस्थान "दोषी करार दिए गए भगोड़े" यानी हसीना के बयान प्रसारित कर रहे हैं। उनके अनुसार, ये बयान ऐसे निर्देश देते हैं जो "हिंसा, अव्यवस्था और आपराधिक गतिविधियों को भड़का सकते हैं।"

एजेंसी ने भले ही प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी का सम्मान करने की बात कही है, लेकिन मीडिया से आग्रह किया है कि वे "दोषसिद्ध व्यक्तियों" के बयान प्रकाशित न करें और अपनी कानूनी जिम्मेदारियों का ध्यान रखें।

इस बीच, सैकड़ों पत्रकारों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ आए फैसले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। पत्रकारों ने चेतावनी दी कि बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की "पक्षपातपूर्ण और अपारदर्शी" प्रक्रिया, इस दक्षिण एशियाई देश में कानून के शासन के लिए बड़ा खतरा है।

यह बयान उस समय आया जब आईसीटी ने सोमवार को जुलाई 2024 के प्रदर्शनों से जुड़े "मानवता के खिलाफ अपराधों" के आरोपों में हसीना को मौत की सजा सुनाई।

पत्रकारों ने इस फैसले को तुरंत रद्द करने और पूरी पारदर्शिता व निष्पक्षता के साथ न्यायिक प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की मांग की है।

उन्होंने कहा, "चाहे आरोपी राजनीतिक नेता हो या आम नागरिक, न्याय पारदर्शी, निष्पक्ष और बिना किसी दबाव के होना चाहिए। इस मामले में उचित प्रक्रिया और निष्पक्षता का गंभीर अभाव रहा है।"

Point of View

यह ज़रूरी है कि हम बांग्लादेश में हो रही गतिविधियों पर ध्यान दें। हसीना के मामले में न्याय की प्रक्रिया पर उठते सवाल, हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि क्या हम एक निष्पक्ष और पारदर्शी समाज में रह रहे हैं।
NationPress
18/11/2025

Frequently Asked Questions

शेख हसीना को मौत की सजा क्यों दी गई?
उन्हें जुलाई 2024 के प्रदर्शनों से जुड़े 'मानवता के खिलाफ अपराधों' के आरोपों में सजा सुनाई गई है।
नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी का निर्देश क्या है?
एजेंसी ने मीडिया संगठनों से हसीना के बयान प्रसारित न करने की अपील की है।
पत्रकारों की प्रतिक्रिया क्या है?
पत्रकारों ने फैसले को पक्षपाती और अपारदर्शी बताया है और न्याय की प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की है।
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