क्या बांग्लादेश में चुनाव से पहले सेना और कोर्ट के बीच टकराव बढ़ रहा है?

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क्या बांग्लादेश में चुनाव से पहले सेना और कोर्ट के बीच टकराव बढ़ रहा है?

सारांश

बांग्लादेश में अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने 15 सैन्य अधिकारियों को जेल भेजने का आदेश दिया है। यह कदम अवामी लीग सरकार के दौरान होने वाले गंभीर अपराधों के मामलों में उठाया गया है। क्या यह स्थिति चुनावी माहौल को प्रभावित करेगी? जानें इस विवाद के पीछे की गहराई।

Key Takeaways

  • आईसीटी ने 15 सैन्य अधिकारियों को जेल भेजा।
  • यह कार्रवाई अवामी लीग सरकार के दौरान की गई।
  • बांग्लादेश की पूर्व पीएम ने गिरफ्तारी पर विरोध जताया।

ढाका, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने बुधवार को 15 सैन्य अधिकारियों को जेल भेजने का आदेश दिया है। आईसीटी का कहना है कि यह कार्रवाई अवामी लीग सरकार के दौरान आरोपित जबरन गायब होने, हत्या और मानवता के खिलाफ अन्य अपराधों के तीन अलग-अलग मामलों में की गई है।

जिन अधिकारियों के खिलाफ यह कार्रवाई हुई है, वे शेख हसीना के करीबी सहयोगी माने जाते थे। जस्टिस गुलाम मुर्तुजा मजूमदार की अध्यक्षता वाली आईसीटी-1 की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार सुबह एक याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया।

रिपोर्टों के अनुसार, आरोपी अधिकारियों ने जमानत की मांग की थी, लेकिन न्यायाधिकरण ने उनकी याचिकाएं खारिज कर दीं। मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने कहा, "न्यायाधिकरण ने जबरन गुमशुदगी और हत्या के मामलों में आज पेश किए गए 15 सैन्य अधिकारियों को जेल भेजने का आदेश दिया है।"

बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट यूएनबी ने अभियोजन पक्ष के हवाले से बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित कुल 34 लोगों को इन मामलों में नामजद किया गया है, जबकि आरोपित 25 सैन्य अधिकारियों में से 15 वर्तमान में हिरासत में हैं।

इससे पहले, 11 अक्टूबर को, बांग्लादेशी सेना मुख्यालय ने घोषणा की थी कि आईसीटी में तीन मामलों में औपचारिक रूप से आरोपित किए जाने के बाद 15 अधिकारियों को सैन्य हिरासत में ले लिया गया है। जिन 25 सैन्य अधिकारियों पर आरोप लगाए गए हैं, उनमें से नौ सेवानिवृत्त या निलंबित हैं।

बांग्लादेश के प्रमुख न्यूजपेपर द बिजनेस स्टैंडर्ड ने बांग्लादेशी सेना के एडजुटेंट जनरल मेजर जनरल मोहम्मद हकीमुज्जमां के हवाले से कहा, "कुल 15 आरोपी अधिकारी अब सेना की हिरासत में हैं, जबकि एक अधिकारी का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। वह एक सुबह अपने घर से निकला था और तब से वापस नहीं लौटा है। उसके ठिकाने का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।"

सैन्य अधिकारियों की गिरफ्तारी पर बांग्लादेश की पूर्व पीएम हसीना ने कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में कानून का कोई राज नहीं है।

हसीना ने पार्टी नेताओं के साथ एक वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए सवाल किया, "मैं इस बात से स्तब्ध हूं कि सेना से इन अधिकारियों को कानून के हवाले करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। कानून कहां है? इस देश में कानून का कोई राज नहीं है। यह सरकार नाजायज है, और इसके सभी कार्य गैरकानूनी हैं। इन अधिकारियों को ऐसी सरकार के हवाले क्यों किया जाना चाहिए?"

आईसीटी के बारे में बोलते हुए, हसीना ने कहा, "हमने बांग्लादेश की आजादी का विरोध करने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए न्यायाधिकरण की स्थापना की थी। हालांकि, उन्होंने न्यायाधिकरण के कानूनों में इतने बड़े पैमाने पर संशोधन कर दिए हैं कि यह 'यूनुस कोर्ट' या 'जमात कोर्ट' बन गया है—एक ऐसी अदालत जो युद्ध अपराधियों द्वारा नियंत्रित है।"

Point of View

NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश के आईसीटी ने क्यों 15 सैन्य अधिकारियों को जेल भेजा?
बांग्लादेश के आईसीटी ने 15 सैन्य अधिकारियों को अवामी लीग सरकार के दौरान होने वाले जबरन गायब होने और हत्याओं के मामलों में जेल भेजा।
इस घटना का बांग्लादेश की राजनीति पर क्या असर होगा?
यह घटना बांग्लादेश के चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि यह सेना और सरकार के बीच तनाव को बढ़ा सकती है।
आईसीटी का गठन कब और क्यों हुआ था?
आईसीटी का गठन बांग्लादेश की आजादी का विरोध करने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए किया गया था।