क्या नीदरलैंड्स में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है?

सारांश
Key Takeaways
- मंकीपॉक्स का पहला मामला नीदरलैंड्स में दर्ज हुआ है।
- संक्रमित व्यक्ति का टीका नहीं लगा था।
- यह नया वेरिएंट 1बी अधिक संक्रामक है।
- गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
- स्थानीय स्वास्थ्य विभाग स्थिति की निगरानी कर रहा है।
हेग, २२ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नीदरलैंड में मंकीपॉक्स के एक नए और अधिक संक्रामक वेरिएंट का पहला मामला उजागर हुआ है। इस जानकारी को देश के स्वास्थ्य, कल्याण और खेल मंत्री जान एंथोनी ब्रुइजन ने संसद को भेजे गए पत्र में साझा किया।
मंत्री ने बताया कि इस संक्रमण की पहचान १७ अक्टूबर को हुई थी और यह पहला अवसर है जब मंकीपॉक्स वेरिएंट 1बी की पुष्टि नीदरलैंड्स में की गई है।
पत्र में मंत्री ने कहा कि यूरोपीय रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (ईसीडीसी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और इसे गंभीरता से ले रहे हैं। हालांकि, उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि इस वेरिएंट के और फैलने का खतरा इस समय कम लग रहा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, राष्ट्रीय जनस्वास्थ्य और पर्यावरण संस्थान (आरआईवीएम) ने बताया है कि जिस व्यक्ति में यह संक्रमण पाया गया है, उसने मंकीपॉक्स का टीका नहीं लगवाया था और न ही उसने कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा की थी। इससे यह संकेत मिलता है कि यह संक्रमण देश के भीतर ही फैला है।
संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा गया है और स्थानीय स्वास्थ्य विभाग उसकी यात्रा इतिहास, संपर्क में आए लोगों और संक्रमण के स्रोत की जांच कर रहा है।
यह ध्यान देने योग्य है कि मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से त्वचा से त्वचा के नजदीकी संपर्क से फैलती है। इसके लक्षणों में बुखार, थकान, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, शरीर पर दाने और पीठ दर्द शामिल होते हैं।
आरआईवीएम के अनुसार, यह वायरस आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधे शारीरिक संपर्क में आने से फैलता है। यह संपर्क त्वचा से त्वचा, मुंह से मुंह या मुंह से त्वचा के बीच हो सकता है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति मंकीपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के करीब जाकर बातचीत करता है, तो उससे भी यह वायरस फैल सकता है क्योंकि इससे संक्रमित कण हवा में फैल सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों के एक से अधिक यौन साथी होते हैं, उनमें मंकीपॉक्स होने का खतरा अधिक होता है। यह वायरस संक्रमित कपड़ों, बिस्तर की चादरों, तौलियों, या इस्तेमाल किए गए सामान के जरिए भी फैल सकता है। अस्पतालों में यदि सावधानी न बरती जाए तो सुई लगने से भी यह संक्रमण फैल सकता है। टैटू पार्लर जैसी जगहों पर भी जहां त्वचा से जुड़ी प्रक्रियाएं होती हैं, वहां यह वायरस फैल सकता है यदि साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए।
गर्भवती महिलाओं के लिए यह संक्रमण विशेष रूप से खतरे से भरा हो सकता है। यदि गर्भावस्था के दौरान मंकीपॉक्स हो जाए, तो यह वायरस गर्भ में पल रहे बच्चे तक पहुंच सकता है। इससे गर्भपात, मृत शिशु का जन्म, नवजात की मौत, या मां-बच्चे दोनों में जटिलताएं हो सकती हैं। इसलिए, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि विभिन्न देशों और स्थितियों में मंकीपॉक्स कैसे फैलता है, इस पर और अध्ययन की आवश्यकता है। इससे भविष्य में संक्रमण की रोकथाम के लिए बेहतर रणनीतियां बनाई जा सकेंगी।