क्या दक्षिण सूडान में बाढ़ से 77 लाख लोग भुखमरी की चपेट में हैं?

सारांश
Key Takeaways
- दक्षिण सूडान में बाढ़ ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है।
- 19 लोगों की जान गई है।
- खाद्यान्न की कमी से 77 लाख लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं।
- जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
- अधिकांश प्रभावित बच्चे हैं।
जुबा, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण सूडान में जारी भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने 19 लोगों की जान ले ली है और इसमें छह राज्यों के 26 काउंटी में 639,225 लोग प्रभावित हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने शुक्रवार को सूचना दी कि 16 काउंटी में लगभग 1,75,000 लोग बाढ़ से बचने के लिए ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि "मलेरिया, श्वसन संक्रमण और दस्त के मामलों में वृद्धि के साथ स्वास्थ्य से संबंधित जोखिम बढ़ रहे हैं।"
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, 11 काउंटी में सांपों के काटने के 144 और 3,391 कुपोषण के मामले सामने आए हैं। कम से कम 121 स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हुई हैं।
इससे पहले सेव द चिल्ड्रन ने बताया था कि दक्षिण सूडान में इस वर्ष अनुमानित 14 लाख लोग बाढ़ के खतरे का सामना कर रहे हैं। अक्टूबर और नवंबर में औसत से अधिक बारिश का अनुमान है। ओसीएचए ने बाढ़ के प्रकोप को लेकर रिपोर्ट जारी की।
सेव द चिल्ड्रन ने जलजनित बीमारियों और सांप के काटने के मामलों में वृद्धि की सूचना दी है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ रही हैं।
दक्षिण सूडान में सेव द चिल्ड्रन के कंट्री डायरेक्टर क्रिस्टोफर न्यामंडी ने कहा कि भुखमरी का संकट बढ़ रहा है और यह दुनिया के सबसे गंभीर संकटों में से एक है, लेकिन इसकी रिपोर्टिंग कम हो रही है।
न्यामंडी ने कहा, "दक्षिण सूडान में बच्चों के लिए भविष्य में जो कुछ भी होने वाला है, वह विनाशकारी हो सकता है।" भारी बारिश ने पहले से ही कई शहरों को जलमग्न कर दिया है और इसके हफ्तों तक जारी रहने की संभावना है।
क्रिस्टोफर न्यामंडी ने कहा कि सहायता में कटौती ने चैरिटी का कार्य प्रभावित किया है। सर्दी और गर्मी के बीच के इस मौसम में बजट में 31 लाख अमेरिकी डॉलर की कटौती हुई, जिससे पोषण और बाल संरक्षण कार्यक्रमों में कर्मचारियों की संख्या घटानी पड़ी और आपूर्ति सीमित हो गई।
उन्होंने कहा कि समुदायों ने कृषि भूमि, आजीविका, घर और स्कूलों व स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच खो दी है और बढ़ते जलस्तर के कारण 3,79,000 बच्चे और वयस्क विस्थापित हुए हैं।
इस संकट ने देशभर में खाद्यान्न की कमी पैदा कर दी है। 77 लाख लोग तीव्र भूखमरी का सामना कर रहे हैं और 5 साल से कम उम्र के 23 लाख बच्चे तीव्र कुपोषण के खतरे में हैं।
सेव द चिल्ड्रन ने आगे कहा कि लगभग 83,000 लोग, विशेष रूप से ऊपरी नील क्षेत्र में, अकाल जैसी खाद्यान्न की कमी का सामना कर रहे हैं।
-- राष्ट्र प्रेस
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