क्या लंबे समय से कोविड प्रभावित मरीजों में 'पीओटीएस' की बीमारी आम है, और महिलाएं अधिक प्रभावित हैं?

सारांश
Key Takeaways
- पीओटीएस कोविड से प्रभावित लोगों में सामान्य है।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एक हालिया अध्ययन में यह सामने आया है कि कोविड से लंबे समय तक प्रभावित व्यक्तियों में एक असामान्य हृदय रोग, जिसे पोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैचीकार्डिया सिंड्रोम (पीओटीएस) कहा जाता है, बहुत सामान्य हो गया है।
इस अध्ययन में यह पाया गया कि इस बीमारी के दौरान हृदय की धड़कन तब तेजी से बढ़ जाती है जब कोई व्यक्ति लेटने से खड़े होने की स्थिति में आता है। विशेष रूप से, यह समस्या पुरुषों की तुलना में मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं में अधिक देखी जाती है।
पीओटीएस से ग्रसित व्यक्तियों को खड़े होने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। उनकी हृदय धड़कन आराम की स्थिति में और शारीरिक श्रम करते समय भी सामान्य से तेज हो जाती है। इसके अलावा, ऐसे व्यक्तियों में थकान की अधिकता और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई भी होती है। यह लक्षण लॉन्ग कोविड से प्रभावित लोगों में आमतौर पर देखे जाते हैं, जिससे शोधकर्ताओं ने इस बीमारी और लॉन्ग कोविड के बीच संबंध की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
स्वीडन के प्रतिष्ठित कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने इस विषय पर एक व्यापक अध्ययन किया। उन्होंने 467 लॉन्ग कोविड से प्रभावित व्यक्तियों की जांच की, जिन्हें कोविड के दौरान अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया था। इस समूह में 91 प्रतिशत मरीज महिलाएं थीं, जो कि मध्यम आयु वर्ग की और कोविड से पहले पूरी तरह स्वस्थ और सक्रिय थीं।
'सर्कुलेशन: एरिथमिया एंड इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में यह पाया गया कि लगभग एक तिहाई मरीजों को पीओटीएस की सही निदान प्राप्त हुई, जबकि लगभग 27 प्रतिशत में पीओटीएस के लक्षण थे, लेकिन वे पूरी तरह से इस बीमारी की जांच के मानदंडों पर खरे नहीं उतरे। शेष 42 प्रतिशत व्यक्तियों में इस बीमारी के कोई लक्षण नहीं थे।
शोध में यह भी पाया गया कि जो मरीज पीओटीएस से प्रभावित थे, उनका हृदय चलने के दौरान तेजी से धड़कता था। इसके साथ ही उनकी जीवन की गुणवत्ता में भी काफी कमी आई थी, यानी वे पहले जितना अच्छा महसूस नहीं कर पा रहे थे।
इस अध्ययन में शामिल डॉक्टर मिकेल ब्योर्नसन ने कहा, "इससे पहले भी कुछ छोटे-छोटे अध्ययन इस बात का सुझाव देते थे कि लॉन्ग कोविड और पीओटीएस के बीच संबंध हो सकता है। लेकिन अब यह बड़े स्तर पर साबित हो गया है कि यह एक सामान्य समस्या है। यह जानकारी डॉक्टरों और मरीजों दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उपचार की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकता है।"
कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट की एसोसिएट प्रोफेसर जूडिथ ब्रुचफेल्ड ने कहा, "पीओटीएस की जांच के लिए महंगे उपकरणों की आवश्यकता नहीं है। इसे सरल और सस्ते परीक्षण द्वारा पहचाना जा सकता है, जो हर अस्पताल और क्लीनिक में उपलब्ध हैं। इसलिए, लॉन्ग कोविड से प्रभावित उन मरीजों को, जिनका हृदय खड़े होने या काम करते समय तेजी से धड़कता है और जिन्हें चक्कर, थकान और ध्यान केंद्रित करने में समस्याएं होती हैं, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और पीओटीएस की जांच करानी चाहिए।"