इंडोनेशिया में स्कूल हादसे में मृतकों की संख्या 14 तक पहुंच गई है?

सारांश
Key Takeaways
- इंडोनेशिया में स्कूल हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है।
- मलबे में लगभग 91 लोग फंसे थे, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं।
- अभी भी 50 लोग लापता हैं।
- बचाव कार्य में भारी मशीनरी का उपयोग करना चुनौतीपूर्ण है।
- स्कूल की इमारत अनधिकृत नवीनीकरण के दौरान ढही।
जकार्ता, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत के सिदोअर्जो में एक स्कूल की इमारत के ढहने से मरने वालों की संख्या अब 14 तक पहुंच गई है। यह जानकारी स्थानीय बचाव अधिकारियों ने शनिवार को दी।
जानकारी के अनुसार, इमारत के ढहने के बाद लगभग 91 लोग, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, मलबे में फंस गए थे। पूर्वी जावा खोज एवं बचाव कार्यालय के वरिष्ठ संचार अधिकारी थोलेब वतेलेहान ने बताया कि शुक्रवार शाम तक बचावकर्मियों ने नौ और शवों को बरामद किया, जिससे मृतकों की कुल संख्या 14 हो गई। घायलों का इलाज इमरजेंसी में अस्पतालों में किया जा रहा है।
अभी भी 50 लोग लापता हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। हाल के अपडेट के अनुसार, लगभग 26 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि मलबा हटाने के लिए भारी मशीनरी का उपयोग कैसे किया जाए।
बचावकर्मियों को इस डर का सामना करना पड़ रहा है कि कहीं मलबे के नीचे कोई जीवित व्यक्ति न हो या फिर इमारत फिर से न ढह जाए। हालाँकि, गुरुवार को जब कोई अन्य जीवन के संकेत नहीं मिले, तो बचावकर्मियों ने भारी मशीनरी का उपयोग शुरू कर दिया। इससे पहले, उन्हें हाथ से खुदाई करनी पड़ रही थी।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सिदोअर्जो जिले में बहुमंजिला अल खोजिनी इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल का एक हिस्सा अनधिकृत नवीनीकरण के दौरान ढह गया।
मलबे में फंसे छात्रों में ज्यादातर बच्चे 12 से 19 वर्ष के बीच के हैं। हादसे के बाद नोटिस बोर्ड पर दी गई जानकारी के अनुसार, लगभग 65 छात्रों का कुछ पता नहीं चल पाया है। घटना का शिकार हुए छात्रों के परिजनों का हाल बहुत बुरा है।
इन सभी छात्रों में से अधिकांश सातवीं से बारहवीं कक्षा के लड़के थे। जीवित बचे लोगों ने बताया कि छात्राएं इमारत के दूसरे हिस्से में प्रार्थना कर रही थीं और इसी दौरान किसी तरह बच गईं।
इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि स्कूल में दो मंजिलें थीं, लेकिन बिना अनुमति के और मंजिलें बनाई जा रही थीं। पुलिस ने कहा था कि पुरानी इमारत की नींव कंक्रीट की दो मंजिलें नहीं सहन कर पाएगी, जिसके कारण यह ढह गई।