क्या ट्रंप पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष को सुलझा सकते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप का बयान पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष के समाधान की दिशा में एक कदम है।
- अंतरराष्ट्रीय विवादों के समाधान में ट्रंप के अनुभव पर सवाल उठते हैं।
- मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कई संघर्षों का जिक्र किया।
वाशिंगटन, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष तीव्र हो रहा है। दोनों देशों के बीच सीमा पर भयंकर बमबारी की जा रही है। इस स्थिति के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगान-पाक युद्ध को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इस विवाद को समाप्त करने की क्षमता रखते हैं।
मिस्र के लिए निकलने से पहले, राष्ट्रपति ट्रंप ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "यह मेरा आठवां संघर्ष होगा, जिसे मैं सुलझा सकता हूं और मैंने सुना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी युद्ध चल रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे वापस आने तक इंतजार करना होगा। मैं दूसरे युद्ध को समाप्त करने जा रहा हूं क्योंकि मैं युद्ध सुलझाने में कुशल हूं।"
भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर, ट्रंप ने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बारे में सोचिए। उन कुछ युद्धों के बारे में सोचिए जो वर्षों से चल रहे थे। एक युद्ध ३१ सालों से, एक ३२ सालों से, और एक ३७ सालों से, जिनमें लाखों लोग मारे गए, और मैंने उनमें से अधिकांश को एक ही दिन में निपटा दिया। यह बहुत प्रभावशाली है।"
वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को मिले नोबेल शांति पुरस्कार के बारे में उन्होंने बताया, "मैंने यह नोबेल शांति पुरस्कार लेने के लिए नहीं किया बल्कि जीवन बचाने के लिए किया।"
उन्होंने कहा, "जिस व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार मिला, उसने मुझसे फोन कर कहा, 'मैं इसे आपके सम्मान में स्वीकार कर रही हूं क्योंकि आप वास्तव में इसके हकदार थे।' मैं उनकी मदद करता रहा हूं।"
मीडिया से बातचीत के दौरान, राष्ट्रपति ट्रंप ने कई अंतरराष्ट्रीय विवादों का जिक्र किया, जिनका समाधान उनके नेतृत्व में हुआ। इनमें आर्मेनिया और अजरबैजान, कोसोवो और सर्बिया, इजरायल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया, और रवांडा और कांगो के बीच के विवाद शामिल हैं।