क्या भारत म्यांमार में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का समर्थन करता है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत का म्यांमार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का समर्थन।
- स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की आवश्यकता।
- म्यांमार में शांति और स्थिरता की वापसी की कोशिश।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने शुक्रवार को म्यांमार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पुनर्स्थापना और स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा समावेशी चुनावों के प्रति अपने समर्थन को पुनः पुष्टि की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत म्यांमार में शांति, स्थिरता और सामान्य स्थिति की वापसी का समर्थन करता है।
नई दिल्ली में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत म्यांमार में लोकतांत्रिक संक्रमण की प्रक्रिया को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “म्यांमार में चुनाव होने वाले हैं। हम ऐसे स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनावों का समर्थन करते हैं, जिनमें सभी की भागीदारी हो। भारत म्यांमार में शांति, स्थिरता और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए खड़ा है।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत म्यांमार में होने वाले चुनावों के पर्यवेक्षक भेजेगा, तो जायसवाल ने कहा कि इस संबंध में अभी कोई जानकारी नहीं है और वह बाद में इस पर अपडेट देंगे।
गौरतलब है कि अगस्त में म्यांमार के केंद्रीय चुनाव आयोग ने घोषणा की थी कि देश में आम चुनाव का पहला चरण 28 दिसंबर को होगा, जबकि अगले चरणों की तिथियाँ बाद में घोषित की जाएँगी। यह घोषणा तब हुई, जब जून में म्यांमार के स्टेट सिक्योरिटी एंड पीस कमीशन के अध्यक्ष सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने कहा था कि देश में चुनाव दिसंबर और अगले वर्ष जनवरी के दौरान होंगे।
इससे पहले 31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान म्यांमार के स्टेट सिक्योरिटी एंड पीस कमीशन के अध्यक्ष सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से मुलाकात की थी। इस बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-म्यांमार द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और व्यापार, विकास साझेदारी, रक्षा एवं सुरक्षा तथा सीमा प्रबंधन सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार की विकास संबंधी आवश्यकताओं में भारत के समर्थन की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि ‘नेबरहुड फर्स्ट’, ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘इंडो-पैसिफिक’ नीतियों के तहत भारत म्यांमार के साथ अपने संबंधों को महत्वपूर्ण मानता है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जताई कि म्यांमार में होने वाले आगामी चुनाव निष्पक्ष और समावेशी होंगे और सभी हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत म्यांमार-नेतृत्व और म्यांमार-स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया का समर्थन करता है, जिसके लिए शांतिपूर्ण संवाद और परामर्श ही एकमात्र रास्ता है।