क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारतीय नौसेना की पनडुब्बी से समुद्री यात्रा करेंगी?
सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की समुद्री यात्रा 28 दिसंबर को होगी।
- यह यात्रा भारतीय नौसेना के साथ उनके सहयोग को दर्शाती है।
- प्रस्तुत यात्रा नए कीर्तिमान की स्थापना का अवसर है।
- राष्ट्रपति पहले भी लड़ाकू विमानों में उड़ान भर चुकी हैं।
- यह यात्रा भारतीय समुद्री सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की तैयारी में हैं। वह भारतीय नौसेना की पनडुब्बी में चढ़कर समुद्र की यात्रा करेंगी। राष्ट्रपति भवन द्वारा प्रदान की गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति 28 दिसंबर को कर्नाटक के कारवार हार्बर से इस समुद्री यात्रा पर निकलेंगी। शुक्रवार को राष्ट्रपति सचिवालय ने यह जानकारी साझा की।
यह उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में उड़ान भरी थी।
तय कार्यक्रम के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू 27 से 30 दिसंबर, 2025 तक गोवा, कर्नाटक और झारखंड का दौरा करेंगी। वह 27 दिसंबर की शाम को गोवा के लिए प्रस्थान करेंगी।
29 दिसंबर को वह झारखंड के जमशेदपुर में ओल चिकी के शताब्दी समारोह में भाग लेंगी और उसी दिन एनआईटी में आयोजित 15वें दीक्षांत समारोह को भी संबोधित करेंगी। इसके बाद, 30 दिसंबर को झारखंड के गुमला में अंतरराज्यीय जनसांस्कृतिक समागम समारोह-कार्तिक जात्रा को संबोधित करेंगी।
इस वर्ष अक्टूबर में, राष्ट्रपति ने भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में उड़ान भरकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था।
29 अक्टूबर को, राष्ट्रपति ने हरियाणा के अंबाला स्थित वायुसेना स्टेशन का दौरा किया और यहां उन्होंने राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी।
अंबाला भारतीय वायुसेना का एक प्रमुख एयरबेस है। यह एयरफोर्स स्टेशन राफेल लड़ाकू विमानों के स्क्वाड्रन की तैनाती का एक मुख्य केंद्र भी है।
राष्ट्रपति सचिवालय के अनुसार, 8 अप्रैल 2023 को भी उन्होंने असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी।
हाल ही में, भारतीय नौसेना में ‘अंजदीप’ नामक एक आधुनिक एंटी सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट शामिल किया गया है।