क्या भारत के पीएम मोदी ने जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री साने ताकाइची को चुनाव जीतने पर बधाई दी?

सारांश
Key Takeaways
- साने ताकाइची बनीं जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री।
- पीएम मोदी ने बधाई देकर भारत-जापान संबंधों को मजबूत करने की बात की।
- जापान की राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी।
- आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है जापान।
- साने ताकाइची का राजनीतिक सफर प्रेरणादायक है।
टोक्यो, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जापान की नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची को उनकी सफल जीत पर बधाई दी। उन्होंने उल्लेख किया कि वह भारत-जापान के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और भी सशक्त बनाने के लिए तत्पर हैं।
साने ताकाइची को मंगलवार को जापान की संसद में एक महत्वपूर्ण चुनाव के बाद प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया। इस चुनाव में पुनः मतदान के माध्यम से उन्हें सफलता मिली, जिससे वह जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। यह एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि जापान की राजनीति में यह पहली बार है जब किसी महिला को यह प्रतिष्ठित पद मिला है।
जापान की संसद में दो सदन होते हैं, उच्च सदन और निचला सदन। दोनों सदनों ने बहुमत से ताकाइची को प्रधानमंत्री चुना है। उच्च सदन में उन्हें 125 वोट मिले, जो आवश्यक बहुमत से सिर्फ एक वोट अधिक था। वहीं, निचले सदन में उन्हें 237 वोट मिले, जो आवश्यक बहुमत से ज्यादा थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के माध्यम से ताकाइची को बधाई दी और कहा, 'साने ताकाइची, जापान की प्रधानमंत्री बनने पर आपको हार्दिक बधाई। मैं भारत-जापान की विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और सशक्त बनाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्सुक हूं। हमारे बढ़ते रिश्ते हिंद-प्रशांत और इसके परे शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं।'
साने ताकाइची का राजनीतिक यात्रा का सफर बहुत ही रोचक रहा है। वह पहले एक टीवी एंकर थीं और 1993 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जापान की निचली संसद की सदस्य बनीं। तब से वह सक्रिय राजनीति में बनी हुई हैं और अपने गृह क्षेत्र नारा का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
1996 में ताकाइची ने जापान की सत्ताधारी पार्टी, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) में शामिल होकर अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत किया। उनका कैबिनेट में पहला प्रवेश पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के नेतृत्व में हुआ था, जहां वह ओकिनावा और उत्तरी क्षेत्रों के मामलों की मंत्री बनीं। इसके बाद, वह एलडीपी की नीति अनुसंधान परिषद की पहली महिला अध्यक्ष बनीं, जो उनके नेतृत्व कौशल का प्रमाण है।
2022 से 2024 तक ताकाइची जापान की आर्थिक सुरक्षा मंत्री रहीं। इसके अतिरिक्त, वह आंतरिक मामलों की मंत्री के तौर पर सबसे लंबे समय तक कार्यरत रहने वाली मंत्री हैं।
ताकाइची लंबे समय से एलडीपी की एक महत्वपूर्ण आवाज रही हैं। उन्हें शनिवार को 185 वोट मिलने के बाद एलडीपी का नेता चुना गया, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी शिंजीरो को 156 वोट मिले। यह चुनाव बहुत प्रतिस्पर्धात्मक था क्योंकि पहले राउंड में किसी उम्मीदवार को आवश्यक बहुमत नहीं मिला था।
अब साने ताकाइची को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के कार्यकाल के बची हुई अवधि को पूरा करना होगा, जो सितंबर 2027 तक चलेगा।
ताकाइची के समर्थन में पार्टी के 20 सांसदों में से एक और पूर्व न्याय मंत्री मिडोरी मात्सुशिमा ने कहा कि यह एक खुशी की बात है कि जापान को पहली महिला प्रधानमंत्री मिल रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह कई युवतियों और उन लोगों के लिए प्रेरणा बनेगा जो राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं आते हैं और जिनका राजनीति से कोई वास्ता नहीं रहा है।
जापान आर्थिक मंदी, बढ़ती महंगाई और मुद्रा येन के मूल्य में गिरावट जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। इन चुनौतियों ने जनता पर दबाव बढ़ाया है और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की हाल की चुनावी हारों ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। ऐसे समय में, एलडीपी के सामने बड़ी जिम्मेदारी है कि वे पार्टी को एकजुट रखें, अल्पसंख्यक सरकार का कुशलता से संचालन करें और जनता को विश्वास दिलाएं कि वे स्थिर और प्रभावी शासन प्रदान कर सकते हैं।