क्या चंडीगढ़ में ग्रीन दीपावली से प्रदूषण पर काबू पाया गया?

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क्या चंडीगढ़ में ग्रीन दीपावली से प्रदूषण पर काबू पाया गया?

सारांश

चंडीगढ़ में दीपावली 2025 पर प्रशासन ने ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया। शहरवासियों ने प्रदूषण को कम करने में सक्रिय भूमिका निभाई। क्या यह पहल वायु गुणवत्ता में सुधार ला पाएगी? जानिए इस विशेष रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • दीपावली 2025 पर ग्रीन पटाखों का उपयोग किया गया।
  • वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए नागरिकों का सहयोग महत्वपूर्ण रहा।
  • प्रशासन ने दिशा-निर्देश जारी किए थे।
  • ध्वनि प्रदूषण सामान्य दिनों की तुलना में बढ़ा।
  • भविष्य में पर्यावरण-संरक्षण के प्रयास जारी रहेंगे।

चंडीगढ़, 21 अक्टूबर (आईएएनस)। दीपावली 2025 पर चंडीगढ़ प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण समिति (सीपीसीसी) के प्रयासों के चलते शहरवासियों ने प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रशासन ने पर्यावरण सुरक्षा और स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए पटाखों के उपयोग के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए थे।

इन दिशा-निर्देशों के तहत, दीपावली की रात केवल ग्रीन पटाखे रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ही जलाए जा सकते थे। प्रशासन का उद्देश्य था कि शहर में ध्वनि और वायु प्रदूषण को न्यूनतम किया जा सके ताकि लोग सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में त्योहार का आनंद ले सकें।

शहरवासियों का प्रतिक्रिया उत्साहजनक रही। दीपावली से एक दिन पहले शोर बहुत कम था और वायु गुणवत्ता सामान्य दिनों की तरह बनी रही। दीपावली के दिन, अधिकांश लोगों ने निर्धारित दो घंटे के समय का पालन किया और पटाखों की मात्रा पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम रही।

इसके प्रभाव का अध्ययन करने के लिए वायु और ध्वनि प्रदूषण स्तर छह स्थानों पर मापा गया। पहले यह माप 13 अक्टूबर को सामान्य दिन पर लिया गया और फिर दीपावली के दिन 20 अक्टूबर को दोबारा मापा गया।

सामान्य दिन में, सभी स्थलों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 'संतोषजनक' से 'मध्यम' (120 से नीचे) के दायरे में रहा। दीपावली के दिन, रात 8 बजे तक वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी रही, लेकिन पटाखों के जलने के कारण एक्यूआई बढ़ गया और कुछ स्थानों पर 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गया।

विशेष रूप से, नागरिकों द्वारा निर्धारित समय का पालन किए जाने के कारण एक्यूआई में जल्दी सुधार हुआ। इसके अलावा, छह में से चार स्थलों (सेक्टर 17, 22, 25 और 53) में दीपावली 2024 की तुलना में इस बार बेहतर वायु गुणवत्ता देखी गई। यह पिछले तीन सालों से लगातार सुधार युवाओं और स्कूल बच्चों में बढ़ती पर्यावरणीय जागरूकता का संकेत है।

पर्यावरण विभाग ने बताया कि वे ग्रीन दीपावली पहल के तहत स्कूलों में भी बच्चों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए अभियान चला रहे हैं।

ध्वनि प्रदूषण भी दीपावली के दिन सामान्य दिन की तुलना में बढ़ा। सबसे अधिक ध्वनि स्तर सेक्टर 22 में 80.7 डीबी(ए) रिकॉर्ड किया गया, जबकि सबसे कम सेक्टर 25 में 65.8 डीबी(ए) था।

प्रशासन और सीपीसीसी ने नागरिकों के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि स्थानीय लोगों की जागरूकता और नियमों का पालन ही इस सुधार का मुख्य कारण है। उन्होंने भविष्य में भी पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ दीपावली के लिए इसी तरह के सहयोग की उम्मीद जताई।

Point of View

मेरा मानना है कि चंडीगढ़ का यह कदम एक सकारात्मक प्रयास है जो न केवल स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि इसे देशभर में एक उदाहरण के रूप में भी देखा जाना चाहिए। प्रदूषण नियंत्रण के लिए इस तरह के उपायों को अपनाना आवश्यक है।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

चंडीगढ़ में ग्रीन दीपावली का क्या महत्व है?
ग्रीन दीपावली का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना और एक सुरक्षित वातावरण में त्योहार मनाना है।
क्या प्रशासन ने कोई दिशा-निर्देश जारी किए हैं?
हाँ, प्रशासन ने पटाखों के उपयोग के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
वायु गुणवत्ता में सुधार कैसे हुआ?
नागरिकों ने निर्धारित समय का पालन किया और ग्रीन पटाखों का उपयोग किया, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ।
ध्वनि प्रदूषण का स्तर क्या था?
ध्वनि प्रदूषण सामान्य दिनों की तुलना में बढ़ा, लेकिन नागरिकों के सहयोग से इसे नियंत्रित किया गया।
क्या भविष्य में ऐसे प्रयास जारी रहेंगे?
हाँ, प्रशासन और सीपीसीसी भविष्य में भी पर्यावरण-संरक्षण के लिए प्रयास जारी रखने की योजना बना रहे हैं।