क्या दिल्ली पुलिस ने ईसीएम चोरी गैंग का भंडाफोड़ कर कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने ईसीएम चोरी गैंग का भंडाफोड़ किया।
- दो आरोपी गिरफ्तार हुए, एक हत्या के मामले में शामिल था।
- पुलिस ने चोरी किए गए ईसीएम और औजार बरामद किए।
- अपराधियों ने सुनसान इलाकों में वारदातें की थीं।
- पुलिस एक अन्य आरोपी की तलाश कर रही है।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर जिले की पुलिस ने वाहन नियंत्रण मॉड्यूल (ईसीएम) की चोरी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी न केवल पेशेवर अपराधी हैं, बल्कि इनमें से एक हत्या के मामले में भी शामिल रह चुका है, जबकि दूसरा 28 आपराधिक मामलों में वांछित रहा है।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 8 चोरी किए गए ईसीएम, वाहन खोलने के औजार और एक कार बरामद की है, जिसका उपयोग वारदात के दौरान किया जाता था। इस कार्रवाई के माध्यम से बुराड़ी थाना क्षेत्र में 6 ईसीएम चोरी के मामलों का समाधान किया गया है।
दरअसल, 18 सितंबर को बुराड़ी के मोहम्मद रिजवान अब्बास की शिकायत पर एक मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उनके घर के पास खड़े पानी के टैंकर से किसी ने ईसीएम चोरी कर लिया है। पिछले कुछ हफ्तों में इस तरह की कई शिकायतें बुराड़ी थाना क्षेत्र में दर्ज हुई थीं, जिससे पुलिस ने इसे संगठित गिरोह की करतूत माना।
इस मामले की जांच के लिए एसआई जितेंद्र (इंचार्ज, पीपी गवर्नमेंट हॉस्पिटल, बुराड़ी) के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई। इस टीम में एसआई शुभम, एएसआई सुधीर, एचसी अरुण, एचसी रोहिताश, एचसी प्रदीप, एचसी रहीस, एचसी धरम, कांस्टेबल उत्तम और कांस्टेबल दिनेश शामिल थे। टीम ने इंस्पेक्टर गिरीश चंद्र (एसएचओ/पीएस बुराड़ी) के पर्यवेक्षण और एसीपी शशिकांत गौड़ (उप-विभाग बुराड़ी) के मार्गदर्शन में काम किया।
टीम ने चोरी के स्थलों और आस-पास के रास्तों के 10 दिनों तक सीसीटीवी फुटेज का बारीकी से विश्लेषण किया। फुटेज में संदिग्ध वाहन का नंबर स्पष्ट नहीं था, लेकिन आंशिक विवरण के आधार पर आरटीओ से जानकारी प्राप्त कर कई संदिग्ध वाहनों की शॉर्टलिस्टिंग की गई। तकनीकी निगरानी और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस को निसान मैगनाइट कार संदिग्ध लगी।
लगातार निगरानी के बाद, 19 अक्टूबर को तड़के 2 बजे, पुलिस ने वजीराबाद के पास संदिग्ध कार को घेरकर दो आरोपी, मेहनूर (33) और आदिल उर्फ शाहरुख (35) को पकड़ लिया। दोनों को मौके से कार और चोरी में इस्तेमाल किए गए औजारों के साथ गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने पिछले एक महीने में ईसीएम चोरी की घटनाओं को अंजाम देने की बात कबूल की। उन्होंने बताया कि वे बुराड़ी, तिमारपुर, वजीराबाद और स्वरूप नगर में भी ऐसी वारदातें कर चुके हैं। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि चोरी किए गए ईसीएम को उनका तीसरा साथी नईम बेच देता था। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने आदिल के घर से 8 चोरी किए गए ECM बरामद किए। हालांकि नईम फिलहाल फरार है और उसकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।
दोनों आरोपी रात के समय सुनसान इलाकों में अपनी कार से घूमते थे और पार्क किए गए चारपहिया वाहनों को निशाना बनाते थे। वे औजारों या शीशा तोड़कर वाहन का बोनट खोलते, फिर गैस कटर की मदद से ईसीएम निकाल कर फरार हो जाते थे।