क्या जुबीन गर्ग की मौत के मामले में सिंगापुर पुलिस से मुलाकात करेगी असम एसआईटी?

सारांश
Key Takeaways
- जुबीन गर्ग का निधन 19 सितंबर को हुआ था।
- एसआईटी अब सिंगापुर में सबूत इकट्ठा कर रही है।
- पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया।
- जिला प्रशासन ने बकसा जेल के आसपास प्रतिबंध लगाए हैं।
- असम में जुबीन की मौत के बाद की स्थिति गंभीर है।
गुवाहाटी, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग के आकस्मिक निधन की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने अब सिंगापुर में जांच शुरू की है। एसआईटी के दो उच्च अधिकारियों, सीआईडी के विशेष डीजीपी मुन्ना प्रसाद गुप्ता और एसपी रैंक के अधिकारी तरुण गोयल, सोमवार को सिंगापुर पहुंचे हैं। मंगलवार को इन अधिकारियों की सिंगापुर पुलिस से मुलाकात होने वाली है।
उम्मीद है कि ये अधिकारी जुबीन गर्ग के अंतिम समय की जानकारी, होटल की सीसीटीवी फुटेज और अन्य आवश्यक सबूत इकट्ठा करने का प्रयास करेंगे।
जुबीन गर्ग का निधन 19 सितंबर को हुआ, जब वह सिंगापुर में असम एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। वह एक यॉट पर थे, जहां उनके साथ उनके मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, बैंड के सदस्य शेखरज्योति गोस्वामी, अमृतप्रभा महंत, आयोजक श्यामकानु महंत और उनके चचेरे भाई संदीपन गर्ग मौजूद थे। अब इन सभी को जुबीन की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है और ये सभी वर्तमान में बकसा जिला जेल में हैं।
इन गिरफ्तारियों के बाद असम में जनभावनाएं बहुत उग्र हो गई हैं। पिछले हफ्ते जब सभी पांच आरोपियों को भारी पुलिस सुरक्षा में बकसा जिला जेल लाया गया, तो जेल के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने आक्रोशित होकर मांग की कि जुबीन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और कार्यक्रम आयोजक श्यामकानु महंत को जनता के सामने पेश किया जाए।
स्थिति तब और बिगड़ गई जब भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस हिंसा में एक महिला पुलिस अधिकारी घायल हो गई और पुलिस के कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।
इस बढ़ते तनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने तत्काल कड़े कदम उठाए हैं। जिला मजिस्ट्रेट गौतम दास ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत आदेश जारी कर बकसा जेल के 500 मीटर के दायरे में सभी प्रकार की भीड़, रैली, प्रदर्शन और जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही, लाठी, चाकू, भाले, तलवार जैसे हथियार और पत्थर या ज्वलनशील वस्तुओं को ले जाने पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
प्रशासन का कहना है कि जेल के निकट हालात बेहद संवेदनशील हैं और शांति व्यवस्था भंग होने की पूरी आशंका है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।