इंडोनेशिया में बाढ़ और भूस्खलन से 174 की मौत, 79 लापता; बचाव अभियान बाधित?
सारांश
Key Takeaways
- 174 लोगों की मौत और 79 लोग लापता हैं।
- उत्तर सुमात्रा में सबसे अधिक जनहानि हुई है।
- भूस्खलन से कई क्षेत्रों में पहुंचना मुश्किल हो गया है।
- अस्थायी राहत शिविरों में 3,900 परिवारों को स्थानांतरित किया गया है।
- बीएनपीबी ने मौसम संशोधन अभियान शुरू किया है।
जकार्ता, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडोनेशिया के आचेह, उत्तर सुमात्रा और पश्चिम सुमात्रा प्रांतों में आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन के कारण मौतों की संख्या 174 तक पहुँच गई है, जबकि 79 लोग अब भी लापता हैं और 12 लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी शुक्रवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी (बीएनपीबी) ने प्रदान की।
बीएनपीबी के प्रमुख सुहार्यान्तो ने कहा कि सबसे अधिक जनहानि उत्तर सुमात्रा में हुई है, जहां 116 लोगों की मौत हुई और 42 लोग लापता हैं। बाढ़ से प्रभावित कई क्षेत्रों में पहुंचना अभी भी संभव नहीं हो पाया है, क्योंकि सड़कों के क्षतिग्रस्त होने और लगातार भूस्खलन के कारण बचाव दल के रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा, “संभव है कि कई और पीड़ित उन भूस्खलन स्थलों पर हों, जहां अभी पहुंचा नहीं जा सका है।” आचेह प्रांत में 35 लोगों की मौत, 25 लापता और 8 घायल हुए हैं। वहीं, पश्चिम सुमात्रा में 23 मौतें, 12 लापता और 4 घायल दर्ज किए गए हैं।
बाढ़ और भूस्खलन के कारण कई जिलों में सड़कें और पुल गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि लगभग 3,900 परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।
अधिक नुकसान को रोकने के लिए, बीएनपीबी ने तीनों प्रभावित प्रांतों में एक साथ वेदर मॉडिफिकेशन ऑपरेशन (मौसम संशोधन अभियान) शुरू किया है ताकि बारिश देने वाले बादलों को उच्च जोखिम वाले इलाकों से हटाया जा सके।
इसी बीच, गुरुवार सुबह इंडोनेशिया के आचेह प्रांत के तट से दूर 6.3 तीव्रता का भूकंप भी दर्ज किया गया, जिसकी जानकारी देश की मौसम, जलवायु और भूभौतिकी एजेंसी बीएमकेजी ने दी।
भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 11:56 बजे आया और इसका केंद्र सिमेल्यू द्वीप के पूर्वी तट पर सिनाबांग शहर से 62 किमी उत्तर-पश्चिम समुद्र क्षेत्र में, 10 किमी की गहराई पर स्थित था।
बीएमकेजी द्वारा जारी शेकमैप के अनुसार, सिमेल्यू द्वीप और आसपास के क्षेत्रों में हल्के से मध्यम कंपन महसूस किए गए। किसी प्रकार की जनहानि या नुकसान की सूचना नहीं है।
इंडोनेशिया प्रशांत के ‘रिंग ऑफ फायर’ क्षेत्र में स्थित है, जहां कई टेक्टॉनिक प्लेटें मिलती हैं और इस कारण यह क्षेत्र अक्सर भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधियों से प्रभावित होता है।