क्या ईरान-इजरायल संघर्ष के बाद पहली बार सामने आए अयातुल्ला अली खामेनेई?

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क्या ईरान-इजरायल संघर्ष के बाद पहली बार सामने आए अयातुल्ला अली खामेनेई?

सारांश

ईरान-इजरायल संघर्ष के बाद पहली बार अयातुल्ला खामेनेई का सार्वजनिक सामना हुआ। जानिए इस महत्वपूर्ण घटना के पीछे की वजहें और उनकी उपस्थिति का राजनीतिक महत्व।

Key Takeaways

  • खामेनेई की पहली सार्वजनिक उपस्थिति के पीछे का महत्व
  • ईरान-इजरायल संघर्ष में 900 से अधिक लोगों की मौत
  • खामेनेई का आत्मविश्वास और ईरान की स्थिरता
  • धार्मिक कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति का प्रभाव
  • ईरानी न्यूक्लियर फैसिलिटी को हुए नुकसान की जानकारी

तेहरान, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ईरान-इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले संघर्ष और उसके बाद की युद्धविराम के चलते, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई शनिवार को पहली बार आम जनता के समक्ष आए। खामेनेई ने एक धार्मिक कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

इजरायल-ईरान के बीच सीजफायर 24 जून को हुआ था, लेकिन 86 वर्षीय खामेनेई लंबे समय तक जनता से दूर रहे। जब उन्हें मुहर्रम के जुलूस में देखा गया, तो उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। इस दौरान खामेनेई ने हाथ हिलाकर और सिर झुकाकर जनता का अभिवादन स्वीकार किया।

हालांकि, खामेनेई ने मंच से किसी संदेश का प्रस्तुतिकरण नहीं किया, जो कि जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं था।

इस अवसर पर नमाजियों ने इमाम हुसैन की शहादत को याद किया, जो शिया मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। खामेनेई इस समारोह में काले रंग के कपड़ों में दिखाई दिए। समारोह के दौरान उपस्थित लोगों ने 'लब्बैक या हुसैन' के नारे लगाए।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि खामेनेई की सार्वजनिक उपस्थिति उनके आत्मविश्वास को दर्शाती है, जो उनके विरोधियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है। इस उपस्थिति के साथ खामेनेई ने यह संकेत दिया है कि संघर्ष के बावजूद ईरान स्थिर और सक्रिय है।

ईरान-इजरायल संघर्ष की शुरुआत के बाद से खामेनेई के बारे में केवल वीडियो और कुछ सोशल मीडिया पोस्ट ही सामने आए थे। इस दौरान कई दावे किए जा रहे थे कि खामेनेई संघर्ष के दौरान बंकर में थे। उन्होंने रिकॉर्डेड वीडियो संदेशों के माध्यम से जनता से संवाद किया, जबकि ईरानी प्रशासन ने बार-बार खामेनेई के स्वास्थ्य की स्थिति को स्थिर बताया।

ईरान की न्यायपालिका के अनुसार, इजरायल के साथ 12 दिनों तक चले इस संघर्ष में 900 से अधिक लोग मारे गए हैं। अमेरिका द्वारा किए गए हमलों से ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी को भी काफी नुकसान पहुंचा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इस हमले में ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी को कितनी क्षति हुई है।

Point of View

बल्कि यह भी दिखाया है कि ईरान संघर्ष के बावजूद अपने अनुशासन में बना हुआ है।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

अयातुल्ला खामेनेई ने जनता के सामने कब पेश हुए?
खामेनेई 6 जुलाई को ईरान-इजरायल संघर्ष के बाद पहली बार जनता के सामने आए।
ईरान-इजरायल संघर्ष में कितने लोग मारे गए?
ईरान की न्यायपालिका के अनुसार, इस संघर्ष में 900 से अधिक लोग मारे गए हैं।
खामेनेई की सार्वजनिक उपस्थिति का क्या महत्व है?
यह उनकी ताकत और आत्मविश्वास का प्रतीक है, जो राजनीतिक विरोधियों को एक स्पष्ट संदेश भेजता है।