क्या जल्द ही अमेरिका में बड़े व्यापार समझौते होंगे? ट्रंप का बयान

सारांश
Key Takeaways
- डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ बड़े व्यापार समझौते जल्दी घोषित करने की संभावना जताई है।
- स्टेबलकॉइन अधिनियम अमेरिका का पहला संघीय विनियमन है।
- टैरिफ की अवधि 1 अगस्त तक बढ़ाई गई है।
- क्रिप्टो क्षेत्र में अमेरिका को वैश्विक नेतृत्व की दिशा में कदम बढ़ाने का अवसर है।
- ट्रंप ने अमेरिका को क्रिप्टो की राजधानी बनाने की इच्छा व्यक्त की है।
न्यूयॉर्क, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि कुछ महत्वपूर्ण व्यापार समझौते जल्द ही घोषित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि ये समझौते लगभग तैयार हैं और किसी भी वक्त की घोषणा की जा सकती है।
व्हाइट हाउस में स्टेबलकॉइन अधिनियम पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान ट्रंप ने कहा, "हम इसे आज ही कर सकते हैं... शायद थोड़ी देर बाद। हम इसे करेंगे।"
ट्रंप ने आगे कहा, "जब मैं किसी देश को यह पत्र भेजता हूं कि उन्हें 35 या 40 प्रतिशत टैरिफ देना होगा, तो वहीं से डील शुरू होती है। फिर वे कॉल करते हैं और पूछते हैं कि क्या कोई और तरह की डील हो सकती है, जैसे अपने देश को व्यापार के लिए खोलना।"
उन्होंने हाल ही में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अंतर्गत अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले व्यापक प्रतिपक्षी टैरिफ की 90 दिनों की स्थगन अवधि को 9 जुलाई से बढ़ाकर 1 अगस्त तक कर दिया गया है। इस दौरान कई प्रमुख व्यापारिक साझेदारों के साथ वार्ता चालू है।
ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि 1 अगस्त की समयसीमा के बाद कोई और बदलाव या विस्तार नहीं होगा और उस दिन से टैरिफ लागू होना शुरू हो जाएगा।
इस अवसर पर ट्रंप ने एक ऐतिहासिक स्टेबलकॉइन अधिनियम पर भी हस्ताक्षर किए, जो इस क्षेत्र में अमेरिका का पहला संघीय विनियमन है।
ट्रंप ने कहा, "जीईएनआईयूएस एक्ट एक स्पष्ट और सरल नियामकीय ढांचा प्रदान करता है, जो डॉलर समर्थित स्टेबलकॉइनों की जबरदस्त संभावनाओं को सामने लाएगा।"
यह अधिनियम स्टेबलकॉइन के लिए मानक निर्धारित करता है, जो अमेरिकी डॉलर या अन्य फिएट मुद्राओं से जुड़े डिजिटल करेंसी होते हैं। इसकी निगरानी फेडरल रिजर्व और मुद्रा नियंत्रक कार्यालय द्वारा की जाएगी।
इसके तहत जारीकर्ताओं को यह जानकारी साझा करना अनिवार्य होगा कि उनके पास आरक्षित निधियों के रूप में अमेरिकी मुद्रा, मांग जमा, सरकारी प्रतिभूतियां और अन्य स्वीकृत परिसंपत्तियां मौजूद हैं।
ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि वह अमेरिका को क्रिप्टो की राजधानी बनाना चाहते हैं। उनके अनुसार, स्टेबलकॉइनों का उपयोग अमेरिकी ट्रेजरी में मांग को बढ़ाएगा, ब्याज दरों को कम करेगा और डॉलर को वैश्विक आरक्षित मुद्रा के रूप में मजबूत बनाएगा।