क्या इस्लामाबाद-ढाका संबंधों में बढ़ रही मिठास? पाक के विदेश मंत्री जाएंगे बांग्लादेश

सारांश
Key Takeaways
- इशाक डार की यात्रा २३ अगस्त से ढाका में होगी।
- यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।
- पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच पिछले वर्षों में तनावपूर्ण संबंध रहे हैं।
- अगस्त २०२४ में नए सिरे से संबंधों में सुधार का संकेत मिला है।
- बांग्लादेश ने पाकिस्तान से वित्तीय दावों की पुनरावृत्ति की है।
ढाका, ४ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार इस महीने बांग्लादेश के दो दिवसीय दौरे पर जाने वाले हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, डार २३ अगस्त से ढाका की यात्रा करेंगे।
यह यात्रा कई वर्षों में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी, जो पिछले वर्ष प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के हटने के बाद ढाका और इस्लामाबाद के बीच बढ़ती निकटता को दर्शाती है।
बांग्लादेश के प्रमुख बंगाली दैनिक अखबार प्रोथोम अलो ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से बताया कि इस यात्रा के दौरान इशाक डार विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन के साथ बातचीत करेंगे और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस से भी मुलाकात करेंगे। डार के बांग्लादेशी राजनीतिक नेताओं से भी संवाद करने की संभावना है।
प्रोथोम अलो ने तौहीद हुसैन के हवाले से कहा, "यात्रा का एजेंडा अभी तय नहीं हुआ है। उम्मीद है कि जल्द ही इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा।"
इससे पहले अप्रैल में पाकिस्तान की विदेश सचिव अमना बलोच ढाका आई थीं, जहां १५ वर्षों के अंतराल के बाद विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) आयोजित किए गए थे।
उस यात्रा के दौरान बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 से पहले के अविभाजित पाकिस्तान की संपत्ति में अपने उचित हिस्से के रूप में ४.३२ अरब डॉलर के वित्तीय दावे को दोहराया था। इसके साथ ही मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए नरसंहार के लिए औपचारिक माफी की भी मांग की गई थी।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कारण इशाक डार को उस समय अपनी प्रस्तावित ढाका यात्रा रद्द करनी पड़ी थी।
पिछले १५ वर्षों में अवामी लीग सरकार के कार्यकाल के दौरान ढाका और इस्लामाबाद के बीच संबंध अक्सर तनावपूर्ण रहे हैं। इसके पीछे प्रमुख कारणों में 1971 के युद्ध अपराधों की सुनवाई, पाकिस्तान की भूमिका पर विवाद और क्षेत्रीय राजनीति शामिल हैं।
हालांकि, अगस्त २०२४ में अंतरिम सरकार के गठन और यूनुस के नेतृत्व में सत्ता परिवर्तन के बाद दोनों देशों के रिश्तों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है।
पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान डॉ. यूनुस और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच हुई मुलाकात में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई थी।
जनवरी में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चार वरिष्ठ अधिकारी ढाका आए थे। यह बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंधों में एक रणनीतिक मोड़ माना जा रहा है।
इसके अलावा, बांग्लादेश की सशस्त्र बल डिवीजन के प्रमुख स्टाफ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एस. एम. कमरुल हसन के नेतृत्व में एक सैन्य प्रतिनिधिमंडल १३ से १८ जनवरी तक पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय का दौरा कर चुका है। वहां प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तानी सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुखों से मुलाकात की थी।
1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुए नरसंहार और ऐतिहासिक कटुता के बावजूद अब दोनों देशों के बीच रिश्तों में नई शुरुआत के संकेत दिखाई दे रहे हैं।