क्या इजरायल में खसरा का प्रकोप बढ़ रहा है?

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क्या इजरायल में खसरा का प्रकोप बढ़ रहा है?

सारांश

इजरायल में खसरा के प्रकोप ने चिंता बढ़ा दी है, जिसमें 10 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने तेजी से वैक्सीनेशन की अपील की है। जानिए कैसे ये मामले बढ़ रहे हैं और क्या उपाय किए जा रहे हैं।

Key Takeaways

  • खसरा एक तेजी से फैलने वाला वायरस है।
  • टीकाकरण से खसरे से बचा जा सकता है।
  • बच्चों को वैक्सीनेशन करवाना आवश्यक है।
  • खसरा के लक्षणों में बुखार और रैश शामिल हैं।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने आउटब्रेक जोन घोषित किए हैं।

यरुशलम, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल में हाल ही में खसरा का प्रकोप फैल गया है। इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि एक १८ महीने का बच्चा खसरे के कारण जान गंवा चुका है। इस वायरस का प्रकोप इस साल अप्रैल में शुरू हुआ था, जिसके चलते अब तक १० मौतें हो चुकी हैं। ज्यादातर पीड़ित पहले से स्वस्थ बच्चे थे, जिन्हें टीका नहीं लगवाया गया था।

टिबेरियास के पास स्थित जाफोन मेडिकल सेंटर ने इस मामले में बताया कि जिस बच्चे को टीका नहीं लगा था, वह रविवार सुबह गंभीर हालत में इमरजेंसी रूम में पहुंचा। डॉक्टरों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन प्रयासों के बावजूद उसकी मृत्यु हो गई।

मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान प्रकोप में २,००० से अधिक खसरा मामलों की पुष्टि हो चुकी है। ग्यारह मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर है।

मंत्रालय ने माता-पिता से अपील की है कि वे अपने बच्चों को टीका लगवाएं। यदि किसी को लक्षण दिखें या संक्रमण का संदेह हो, तो तत्काल चिकित्सकीय सहायता लेने की सलाह दी गई है।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए १२ शहरों और अन्य स्थानों को आउटब्रेक जोन के रूप में तैयार किया है और उन क्षेत्रों में बच्चों के लिए टीकाकरण की मांग की है।

ज्ञात हो कि खसरा एक तेजी से फैलने वाला वायरस है। इसके लक्षणों में बुखार, थकान, नाक बहना और पूरे शरीर पर रैश हो सकते हैं। कभी-कभी यह गंभीर समस्याएं या मृत्यु का कारण भी बन सकता है।

खसरा तब तेजी से फैलता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति सांस लेता है, खांसता है या छींकता है। यह किसी को भी हो सकता है, लेकिन बच्चों में यह सबसे आम है। इस बीमारी से ग्रसित होने या इसे फैलने से रोकने का सबसे प्रभावी तरीका टीका लगवाना है। यह वैक्सीन सुरक्षित है और आपके शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करती है।

१९६३ में खसरा वैक्सीन आने के बाद, बड़े पैमाने पर टीकाकरण शुरू हुआ, जिसके कारण हर दो से तीन साल में होने वाली बड़ी महामारी का खतरा कम हुआ।

हालांकि, २०२३ में खसरा से लगभग १,०७,५०० लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें से अधिकांश पांच साल से छोटे बच्चे थे।

खसरा के लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के १०-१४ दिन बाद शुरू होते हैं। एक बड़ा रैश सबसे प्रमुख लक्षण होता है। शुरुआती लक्षण ४-७ दिन तक रहते हैं, जिसमें नाक बहना, खांसी, लाल और पानी वाली आंखें, और गालों के अंदर छोटे सफेद धब्बे शामिल हैं।

रैश संपर्क में आने के ७-१८ दिन बाद शुरू होते हैं, जो आमतौर पर चेहरे और ऊपरी गर्दन पर दिखाई देते हैं। यह लगभग तीन दिनों में फैलता है, और अंत में हाथों और पैरों तक पहुंच जाता है। यह आमतौर पर ५-६ दिन तक रहता है और फिर समाप्त हो जाता है।

Point of View

हमें अपने देशवासियों की सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए। खसरा जैसे वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए हमें जागरूकता फैलाने की जरूरत है। सभी माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को समय पर टीका लगवाएं।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

खसरा के लक्षण क्या हैं?
खसरा के लक्षणों में बुखार, खांसी, नाक बहना, और पूरे शरीर पर रैश शामिल हैं।
खसरा कैसे फैलता है?
खसरा तब फैलता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति सांस लेता है, खांसता है या छींकता है।
खसरा से कैसे बचा जा सकता है?
खसरा से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने बच्चों को समय पर वैक्सीनेशन करवाएं।
क्या खसरा वैक्सीन सुरक्षित है?
हाँ, खसरा वैक्सीन सुरक्षित है और यह आपके शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करती है।
खसरा की वजह से कितनी मौतें हुई हैं?
इस प्रकोप के कारण अब तक 10 मौतें हो चुकी हैं।
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