क्या जयशंकर आज मास्को में 26वें भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे?

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क्या जयशंकर आज मास्को में 26वें भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे?

सारांश

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज मास्को में भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक में व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा होगी, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूती मिलेगी।

Key Takeaways

  • भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर मास्को में सह-अध्यक्षता करेंगे।
  • बैठक में व्यापार और आर्थिक सहयोग पर चर्चा होगी।
  • यह यात्रा भारत-रूस संबंधों को मजबूत करेगी।
  • द्विपक्षीय वार्ता में सर्गेई लावरोव से चर्चा होगी।
  • इस यात्रा का रणनीतिक महत्व है।

मास्को, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज बुधवार को मास्को में भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा होगी, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करना है।

द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से आयोजित यह सत्र 19 से 21 अगस्त तक रूस की उनकी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

विदेश मंत्री भारत-रूस व्यापार मंच को भी संबोधित करेंगे, जहां दोनों पक्ष व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने के अवसरों पर विचार-विमर्श करेंगे।

जयशंकर की यह यात्रा रूसी संघ के प्रथम उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के निमंत्रण पर हो रही है।

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने इस यात्रा के रणनीतिक महत्व पर प्रकाश डाला। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "डॉ. एस. जयशंकर 19-21 अगस्त 2025 को रूस की आधिकारिक यात्रा करेंगे और 20 अगस्त 2025 को होने वाले भारत-रूस अंतर-सरकारी व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) के 26 वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे।"

बयान में आगे कहा गया है, "इस यात्रा का उद्देश्य दीर्घकालिक और समय-परीक्षित भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना है।"

अपने प्रवास के दौरान, जयशंकर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। यह बैठक दोनों देशों के बीच लगातार उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की निरंतरता का प्रतीक है।

इससे पहले दोनों नेताओं की मुलाकात 15 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान और हाल ही में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।

इस वर्ष की शुरुआत में, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रूसी उप विदेश मंत्री आंद्रे रुडेंको के साथ विदेश कार्यालय परामर्श के लिए मॉस्को का दौरा किया था, जिससे नई दिल्ली और मॉस्को के बीच निरंतर राजनैतिक गति को रेखांकित किया गया था।

यह यात्रा एक संभावित उच्च-स्तरीय बातचीत से पहले हो रही है, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत आने की उम्मीद है।

Point of View

यह यात्रा भारत और रूस के बीच की विशेष रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह संवाद दोनों देशों के बीच संबंधों को न केवल बढ़ाएगा, बल्कि वैश्विक मंच पर भी एक नई दिशा प्रदान करेगा।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

जयशंकर की मास्को यात्रा का उद्देश्य क्या है?
जयशंकर की मास्को यात्रा का उद्देश्य भारत-रूस के बीच व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत करना है।
क्या इस बैठक में अन्य नेताओं की भागीदारी होगी?
हां, इस बैठक में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी होगी।