क्या एस जयशंकर और मार्को रूबियो ने प्राथमिक क्षेत्रों में 'निरंतर सहयोग' पर सहमति जताई?

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क्या एस जयशंकर और मार्को रूबियो ने प्राथमिक क्षेत्रों में 'निरंतर सहयोग' पर सहमति जताई?

सारांश

न्यूयॉर्क में एस जयशंकर और मार्को रूबियो की बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने प्राथमिक क्षेत्रों में निरंतर सहयोग की आवश्यकता पर सहमति जताई और भविष्य के लिए संवाद को महत्वपूर्ण बताया। जानिए इस महत्वपूर्ण मुलाकात के बारे में और क्या है इसके पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • जयशंकर और रूबियो के बीच बैठक
  • द्विपक्षीय मुद्दों पर सहमति
  • भारत-अमेरिका रणनीतिक सहयोग
  • क्वाड समूह की अहमियत
  • एच-1बी वीजा नियमों का प्रभाव

न्यूयॉर्क, २२ सितंबर (राष्ट्र प्रेस) - भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मारको रूबियो से महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा की और सतत संपर्क बनाए रखने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।

बैठक के बाद, जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया, "हमारी बातचीत में कई द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। हमने प्राथमिक क्षेत्रों में प्रगति के लिए सतत संवाद की अहमियत पर सहमति जताई।"

उन्होंने इस बैठक को अच्छा बताया और कहा कि हम आगे भी संपर्क में रहेंगे।

दिलचस्प बात यह है कि मारको रूबियो की यह दिन की पहली द्विपक्षीय बैठक थी, जिसमें उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री से मुलाकात की।

बैठक से पहले, दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने गर्मजोशी से हाथ मिलाया, लेकिन किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। सम्मेलन कक्ष को भारतीय और अमेरिकी झंडों और फूलों से सजाया गया था।

हालांकि, भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक मुद्दों और रूस से तेल खरीद को लेकर मतभेद रहे हैं, फिर भी रणनीतिक सहयोग मजबूत है। इसका उदाहरण क्वाड समूह है, जिसमें भारत और अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं, जिसका फोकस इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखना है।

रूबियो ने इससे पहले जुलाई में वॉशिंगटन डीसी में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया था, जिसमें उन्होंने भारत और अन्य देशों को अमेरिका के महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बताया था।

हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर नई दिल्ली में वार्ता हुई। इसमें अमेरिका की ओर से ब्रेंडन लिंच और भारत की ओर से राजेश अग्रवाल शामिल हुए। भारत ने इस बातचीत को सकारात्मक और भविष्यद्रष्टि वाली बताया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें बधाई दी और यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में मदद के लिए धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने भी जवाब में लिखा, "मैं भी भारत-अमेरिका साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।"

हालांकि, इन सकारात्मक कदमों के बीच अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा को लेकर नई कड़ी नियमावली लागू करने की घोषणा ने चिंता बढ़ा दी है। ट्रंप सरकार ने वीजा शुल्क को १००,००० डॉलर तक बढ़ाने की योजना बनाई है, जिससे कई पेशेवरों के लिए अमेरिका के दरवाजे बंद हो सकते हैं।

Point of View

खासकर वैश्विक चुनौतियों के संदर्भ में।
NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

बैठक में कौन-कौन से मुद्दों पर चर्चा की गई?
बैठक में द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों, व्यापारिक मुद्दों, और रूस से तेल खरीद पर चर्चा की गई।
क्या भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक मुद्दों में मतभेद हैं?
हाँ, भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक मुद्दों और रूस से तेल खरीद को लेकर कुछ मतभेद रहे हैं।