क्या ताइवान को लेकर जापान-चीन के रिश्ते बिगड़ रहे हैं? पीएम ताकाइची ने संसद में क्या कहा?

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क्या ताइवान को लेकर जापान-चीन के रिश्ते बिगड़ रहे हैं? पीएम ताकाइची ने संसद में क्या कहा?

सारांश

जापान और चीन के बीच ताइवान पर बढ़ते विवाद ने दोनों देशों के रिश्तों में तनाव पैदा कर दिया है। पीएम ताकाइची के बयान ने बीजिंग को भड़काया है। ताइवान के सामरिक महत्व को लेकर ये बयान एशिया-प्रशांत क्षेत्र में नई चुनौतियाँ लेकर आ सकते हैं।

Key Takeaways

  • ताइवान पर जापान और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
  • पीएम ताकाइची का बयान बीजिंग के लिए रेडलाइन है।
  • जापान ने 1972 के समझौते का सम्मान करने का आश्वासन दिया है।
  • यह विवाद क्षेत्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।
  • ताइवान को लेकर जापान की स्थिति में बदलाव साफ दिखाई दे रहा है।

नई दिल्ली / टोक्यो, 11 नवंबर 2025 (राष्ट्र प्रेस)। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ताकाइची के एक बयान ने चीन को नाराज कर दिया है। संसद में उन्होंने जो कुछ ताइवान को लेकर कहा, उसे बीजिंग ने तल्ख अंदाज में जवाब दिया।

ताकाइची ने संसद में यह कहा कि यदि चीन ताइवान पर हमला करता है और वह जापान के अस्तित्व के लिए खतरा बन जाता है, तो जापान अपने आत्म-रक्षा बलों (सेल्फ डिफेंस फोर्सेस) को तैनात करने पर विचार कर सकता है। उन्होंने कहा, “अगर युद्धपोत और बल का प्रयोग हुआ, तो वह जापान की ‘स्थिति’ को प्रभावित कर सकता है।”

'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' में चीन के रवैए का जिक्र किया गया है। स्पष्ट लिखा है कि यह बात चीन के लिए सीधा रेडलाइन थी, क्योंकि बीजिंग ताइवान को अपना आंतरिक मामला मानती है। चीन ने जापान के इस बयान को 'भड़काऊ', 'घातक' और द्विपक्षीय संबंधों को 'गंभीर रूप से नुकसान' पहुंचाने वाला बताया है।

जापान ने सोमवार को औपचारिक रूप से विरोध दर्ज कराया क्योंकि ओसाका में चीनी कौंसल-जनरल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में ताकाइची को प्रत्यक्ष रूप से धमकी दी थी। इस धमकी में विवादित भाषा का प्रयोग किया गया था, जिसमें कहा गया था, “हम बिना हिचकिचाहट गले को काटने का विकल्प नहीं छोड़ेंगे। क्या आप तैयार हैं?”

जापानी सरकार ने इसे “अत्यंत अनुचित” माना। इस विवाद से ठीक पहले, ताकाइची ने विपक्षी सदस्य की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में आन्तरिक संसदीय समिति को बताया कि जापान को “सबसे बुरे परिदृश्य” के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने ये भी कहा कि यदि ताइवान के आसपास युद्धपोत तैनात हों या सेना कार्रवाई करे, तो जापान को सीधे तौर पर खतरा महसूस हो सकता है।

चीन ने जापान को चेतावनी दी है कि वह ताइवान की सेनाओं को किसी तरह का समर्थन नहीं दे और जापान को इस मुद्दे पर कुछ भी ऐसा संदेश नहीं भेजना चाहिए जो बीजिंग को उसके आंतरिक मामले में हस्तक्षेप के रूप में लगे।

बीजिंग का मानना है कि ताकाइची ने जो संसद में कहा वो दोनों देशों के बीच 1972 में हुए समझौते का उल्लंघन है। उस समझौते के तहत जापान ताइवान पर चीनी प्रभुत्व मानता है और बीजिंग की स्थिति को सम्मान देता है।

जापान ने संकेत दिया है कि ताकाइची अपने बयान को नहीं दोहराएंगी और सतर्क रहेंगी। कैबिनेट सचिव मिनोरू किहारा ने मंगलवार को विश्वास दिलाया कि जापान 1972 के समझौते का सम्मान करता है और पीएम ताइवान मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाने की इच्छा रखती हैं।

वहीं, सोमवार को खुद ताकाइची ने माना कि संसद में उन्होंने जो कहा वो परिकल्पना के आधार पर कहा गया था और वो भविष्य में ऐसी बयानबाजी से बचने का प्रयास करेंगी।

जापान की सुरक्षा नीति में यह स्पष्ट बदलाव देखे जा सकते हैं। जापान के लिए परंपरागत तौर पर यह कहा जाता रहा है कि वह सीधे तौर पर ताइवान विवाद में प्रवेश नहीं करेगा — लेकिन ताकाइची ने इसे अपने अस्तित्व को जिंदा रखने की स्थिति तक पर ले जाने वाला मामला बताया।

इस घटना से जापान-चीन संबंधों में नई दरार दिखने लगी है, जबकि हाल ही में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने "स्थिर और रचनात्मक" रिश्तों पर सहमति जताई थी। यह टकराव क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी प्रभाव डाल सकता है, खासकर अमेरिका-जापान-चीन त्रिकोणीय रिश्तों में। जापान एक प्रमुख अमेरिकी सहयोगी है; यदि ताइवान संकट उभरा, तो जापान को भी मजबूरी में कथित रूप से सक्रिय होना पड़ सकता है।

ताइवान और अमेरिका इस विवाद को सिर्फ दो-पक्षीय के रूप में नहीं देख रहे हैं; यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन से जुड़ा मामला बन सकता है।

Point of View

NationPress
11/11/2025

Frequently Asked Questions

ताइवान मुद्दे पर जापान की स्थिति क्या है?
जापान ने ताइवान को लेकर अपनी सुरक्षा बलों को तैनात करने की संभावना जताई है, अगर चीन ताइवान पर हमला करता है।
चीन ने जापान के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?
चीन ने जापान के बयान को भड़काऊ और द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाला बताया है।
क्या ताइवान का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण है?
हां, ताइवान का मुद्दा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन से जुड़ा है और अमेरिका-जापान-चीन संबंधों पर प्रभाव डाल सकता है।