क्या मध्य प्रदेश की तकदीर और तस्वीर बदलना सरपंच के सहयोग के बिना संभव है? : मोहन यादव
सारांश
Key Takeaways
- सरपंच की शक्ति को मान्यता देना आवश्यक है।
- राज्य की योजनाएं पंचायतों पर निर्भर करती हैं।
- कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा।
- हर गांव में शांतिधाम की स्थापना की जाएगी।
- सरकार विकास की गति बढ़ा रही है।
भोपाल, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सरपंच सबसे प्रभावशाली होता है, क्योंकि वह जो कार्य कर सकता है, वह और कोई नहीं कर सकता। राज्य की तकदीर और तस्वीर सरपंच के सहयोग के बिना नहीं बदली जा सकती।
राजधानी के जंबूरी मैदान में आयोजित सरपंच महासम्मेलन में सर्वप्रथम दिल्ली बम धमाकों के दिवंगतों के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आगे कहा कि हमें अपने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर विश्वास है। जब लाल सलाम का अंत हो रहा है, तो जो भी लोग हैं, वे भी ठिकाने लगेंगे।
सरपंचों की शक्ति और त्रिस्तरीय शासन प्रणाली पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि त्रिस्तरीय शासन प्रणाली में पंचायत को जो अधिकार है, वह बड़े-बड़े पदों पर बैठे लोगों के लिए भी नहीं है। वास्तव में, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री हमें दिखते हैं, लेकिन उनकी तुलना में सरपंच के पास अधिक अधिकार हैं। एक सरपंच जो पंचायत के लिए कर सकता है, वह कोई और नहीं कर सकता।
देश और प्रदेश की ग्रामीण आबादी की बात करते हुए मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि देश की एक बड़ी जनसंख्या हमारी ग्राम पंचायतीं में निवास करती हैं। यदि हमें प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलनी है, तो यह आपके बिना संभव नहीं है। राज्य की सभी योजनाओं का आधार हमारी पंचायतें हैं। राज्य के हर गांव में शांतिधाम की स्थापना पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि हर गांव के लिए जो भी राशि चाहिए होगी, वह हम प्रदान करेंगे। प्रत्येक पंचायत के लिए 50 हजार रुपए देने की घोषणा की गई।
राज्य में कृषि आधारित उद्योग बढ़ाने पर मुख्यमंत्री यादव ने जोर दिया और कहा कि वर्ष 2026 को हम कृषि आधारित उद्योग के रूप में घोषित करेंगे। कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य में विकास की गति का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि सरकार के माध्यम से हम हर क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं। हमारी सरकार बनने के बाद हमने मेडिकल कॉलेज और एग्रीकल्चर कॉलेज बहुत तेजी से खोले हैं।