क्या जापान को पहली बार महिला पीएम मिलने जा रही है? साने ताकाइची का नाम तय हुआ

सारांश
Key Takeaways
- साने ताकाइची
- एलडीपी की नेतृत्व दौड़ में उन्होंने 185 वोट प्राप्त किए।
- 15 अक्टूबर को शपथ ग्रहण होगा।
- जापान की राजनीति में यह बदलाव महत्वपूर्ण है।
- विकास और अर्थव्यवस्था की चुनौतियाँ सामने हैं।
टोक्यो, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जापान को अब तक की सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि महिला प्रधानमंत्री का चयन किया गया है। वर्तमान में, जापान में प्रधानमंत्री पद के लिए चुनावी प्रक्रिया चल रही है, जिसमें शनिवार को मतदान किया गया। इस मतदान के परिणामस्वरूप, साने ताकाइची, जो कि पूर्व आर्थिक सुरक्षा मंत्री रह चुकी हैं, को लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) का नेता चुना गया है।
एलडीपी के नेता के रूप में, साने ताकाइची 15 अक्टूबर को शपथ ग्रहण करेंगी। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व की दौड़ में किसी भी उम्मीदवार को पहले दौर में बहुमत प्राप्त नहीं हुआ। दूसरे दौर के मतदान में, ताकाइची को 185 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कोइज़ुमी को 156 वोट मिले।
चुनाव के पहले दौर में, ताकाइची ने 183 वोट प्राप्त किए, जिसमें 64 पार्टी सांसदों और 119 आम सदस्यों का समर्थन शामिल था। द जापान टाइम्स के अनुसार, कोइज़ुमी को 164 वोट मिले, जिसमें 80 पार्टी सांसद और 84 आम सदस्य शामिल थे।
एलडीपी के सांसदों ने नए नेता के लिए मतदान शुरू कर दिया था, जिसमें पांच उम्मीदवार शामिल थे। साने ताकाइची के अलावा, अन्य उम्मीदवारों में तोषिमित्सु मोटेगी, योशिमासा हयाशी, शिंजिरो कोइज़ुमी, और ताकायुकी कोबायाशी शामिल थे। ये सभी उम्मीदवार पिछले साल के चुनाव में भी शामिल हुए थे।
गौरतलब है कि पिछले महीने एलडीपी अध्यक्ष शिगेरु इशिबा के इस्तीफे के बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसमें कुल 590 वोट पड़े। इनमें से 295 वोट एलडीपी सांसदों के थे और 295 वोट पार्टी के सामान्य सदस्यों और पंजीकृत समर्थकों को आवंटित किए गए थे।
विकास की धीमी रफ्तार, बढ़ती कीमतें और येन का अवमूल्यन चुनावी मुद्दे बने रहे हैं। इसके साथ ही, एलडीपी की दोहरी हार ने उसके नेतृत्व को चुनौती दी है।
जैसे-जैसे सत्तारूढ़ पार्टी अपना ऐतिहासिक प्रभुत्व खो रही है, आगे का रास्ता और भी चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। एलडीपी को इस कठिन समय में लोगों का विश्वास जीतना होगा कि वे एक स्थिर सरकार बनाने में सक्षम हैं।
-- राष्ट्र प्रेस
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