क्या जापान का रक्षा श्वेत पत्र खतरनाक सुरक्षा परिदृश्य को दर्शाता है?

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क्या जापान का रक्षा श्वेत पत्र खतरनाक सुरक्षा परिदृश्य को दर्शाता है?

सारांश

जापान का 2025 का रक्षा श्वेत पत्र अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। क्या ये सुरक्षा चिंताएँ वास्तविकता में तब्दील हो रही हैं? जानें इस लेख में जापान की विस्तारवादी योजनाओं और उनके प्रभाव के बारे में।

Key Takeaways

  • जापान का 2025 रक्षा श्वेत पत्र सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है।
  • 92 प्रतिशत उत्तरदाता जापान की गतिविधियों के प्रति सतर्क हैं।
  • 82.6 प्रतिशत मानते हैं कि जापान बाहरी खतरों का निर्माण कर रहा है।
  • जापान का रक्षा बजट 87 खरब येन तक पहुँच गया है।
  • 84.7 प्रतिशत लोग क्षेत्रीय हथियारों की होड़ के बारे में चिंतित हैं।

बीजिंग, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जापान का 2025 का रक्षा श्वेत पत्र उसकी तथाकथित सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है। हालाँकि, इसमें कोई नई बात नहीं है, लेकिन इसकी विस्तारवादी महत्वाकांक्षाएँ जापान के सुरक्षा दृष्टिकोण के प्रति व्यापक अंतरराष्ट्रीय चिंता और अविश्वास को बढ़ावा दे रही हैं।

सीजीटीएन द्वारा किए गए एक वैश्विक सर्वेक्षण में यह पता चला है कि 92 प्रतिशत उत्तरदाता जापान की गतिविधियों को लेकर बहुत सावधान हैं और जापान से द्वितीय विश्व युद्ध के सबकों पर गहराई से विचार करने, सैन्य और सुरक्षा मामलों में संयम बरतने और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह कर रहे हैं।

श्वेत पत्र में पड़ोसी देशों से उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियों और खतरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है, जो एशिया-प्रशांत सुरक्षा परिदृश्य में जापान की रणनीतिक चिंताओं को दर्शाता है।

82.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि जापान अपने सैन्य विस्तार को सही ठहराने के लिए जानबूझकर बाहरी खतरों का निर्माण कर रहा है, जो एशियाई पड़ोसियों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच विश्वास को गंभीर रूप से कम कर देगा।

वास्तव में, पूर्वोत्तर एशिया और व्यापक एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा खतरों को लगातार बढ़ावा देने वाला कोई और नहीं, बल्कि जापान ही है। वित्त वर्ष 2025 के अपने रक्षा बजट के रिकॉर्ड 87 खरब येन तक पहुंचने के साथ, 76.2 प्रतिशत उत्तरदाता मानते हैं कि जापान सरकार ने अपने शांतिवादी संविधान और युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं की भावना का उल्लंघन किया है।

वित्त वर्ष 2025 से, जापान 1,000 से अधिक उन्नत टाइप 12 एंटी-शिप मिसाइलें तैनात करेगा और अपने समुद्री आत्मरक्षा बल के जहाजों को अमेरिकी निर्मित टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों से लैस करेगा। 84.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं को डर है कि इससे क्षेत्रीय हथियारों की होड़ बढ़ेगी और शांति एवं स्थिरता को नुकसान पहुंचेगा।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

यह स्पष्ट है कि जापान की सुरक्षा नीतियाँ न केवल उसके भीतर बल्कि आस-पास के देशों में भी चिंता का कारण बन रही हैं। एक जिम्मेदार राष्ट्र के नाते, जापान को अपनी सैन्य योजनाओं में संयम बरतने की आवश्यकता है।
NationPress
17/07/2025

Frequently Asked Questions

जापान का रक्षा श्वेत पत्र क्या दर्शाता है?
जापान का रक्षा श्वेत पत्र उसके सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है और इसकी विस्तारवादी महत्वाकांक्षाएँ अंतरराष्ट्रीय चिंता का कारण बन रही हैं।
क्या जापान अपने सैन्य विस्तार को सही ठहराने के लिए बाहरी खतरों का निर्माण कर रहा है?
सर्वेक्षण के अनुसार, 82.6 प्रतिशत उत्तरदाता मानते हैं कि जापान जानबूझकर बाहरी खतरों का निर्माण कर रहा है।