क्या चिंपांजी ने 'टूल' बनाया और जेन गुडॉल ने उस अनोखे संसार से हमें परिचित कराया?

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क्या चिंपांजी ने 'टूल' बनाया और जेन गुडॉल ने उस अनोखे संसार से हमें परिचित कराया?

सारांश

क्या आपने कभी सोचा है कि चिंपांजी भी औजार बना सकते हैं? जेन गुडॉल की खोज ने मानवता की परिभाषा को बदल दिया। जानिए एक अद्भुत घटना के बारे में जिसने विज्ञान की सोच को नया मोड़ दिया।

Key Takeaways

  • चिंपांजी औजार बना सकते हैं।
  • जेन गुडॉल ने विज्ञान की सोच को चुनौती दी।
  • बुद्धि और संवेदनाएं केवल मनुष्यों तक सीमित नहीं।
  • चिंपांजी की सामाजिक संरचना मानवों से मिलती-जुलती है।
  • प्रकृति के जीवों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव आवश्यक है।

नई दिल्ली, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। घने जंगलों में निवास करने वाला चिंपांजी न केवल औजार बनाना जानता है बल्कि उसे कुशलतापूर्वक इस्तेमाल करना भी आता है। यह सत्य 4 नवंबर 1960 को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत हुआ।

एक युवा ब्रिटिश महिला, जेन गुडॉल, ने एक ऐसा दृश्य देखा जिसने विज्ञान के दृष्टिकोण और मानवता की परिभाषा को पूरी तरह बदल दिया। उस दिन, उन्होंने देखा कि एक चिंपांजी पेड़ की टहनी तोड़कर, उसके पत्ते हटाकर, उसे दीमक के बिल में डाल रहा था। कुछ क्षण बाद, जब उसने टहनी को बाहर निकाला, तो उस पर चिपके दीमक उसने चाट लिए।

यह एक साधारण घटना लग सकती थी, लेकिन वास्तव में यह एक ऐतिहासिक खोज थी। जेन ने समझा कि वह चिंपांजी 'टूल' बना रहा था, जो पहले केवल मनुष्यों की विशेषता मानी जाती थी।

जब जेन ने इस बारे में ब्रिटिश पुराजीव विज्ञानी लुई लीकी को बताया, तो उनका उत्तर इतिहास में दर्ज हो गया—“हमें या तो इंसान को पुनर्परिभाषित करना होगा, या स्वीकार करना होगा कि चिंपांजी भी इंसान हैं।” उस क्षण से मानव-विज्ञान और पशु-व्यवहार विज्ञान में एक नया अध्याय आरंभ हुआ। दुनिया ने यह समझा कि बुद्धि, संवेदनाएं और संस्कृति जैसी भावनाएं केवल मनुष्यों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि प्रकृति के अन्य जीवों में भी पाई जाती हैं।

अपनी पुस्तक 'रीजन फॉर होप: ए स्पिरिचुअल जर्नी' (2000) में, जेन ने चिंपांजियों के व्यवहार पर कई महत्वपूर्ण खुलासे किए। उन्होंने बताया कि उनमें भी क्रूरता हो सकती है। वे हमारे समान, प्रकृति का एक अंधकारमय पहलू हैं।

जेन गुडॉल ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा अफ्रीका के गॉम्बे नेशनल पार्क में चिंपांजियों के बीच बिताया। बिना किसी औपचारिक वैज्ञानिक प्रशिक्षण के, उन्होंने वर्षों तक उनकी भाषा, भावनाओं और रिश्तों का अवलोकन किया, समझा और दस्तावेजित किया। उन्होंने जंगल में रहने वाले जीवों को 'शोध विषय' नहीं, बल्कि 'परिवार' के रूप में देखा। उनके कैमरे और नोटबुक ने विज्ञान को एक नई दृष्टि प्रदान की।

Point of View

NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

जेन गुडॉल ने चिंपांजियों के बारे में क्या खोजा?
जेन गुडॉल ने पाया कि चिंपांजी औजार बना सकते हैं और उनका व्यवहार भी मानवों के समान है।
चिंपांजी की क्या विशेषताएँ हैं?
चिंपांजी बुद्धिमान होते हैं, वे सामाजिक प्राणी हैं और उनमें भावनाएँ होती हैं।
क्या चिंपांजी इंसान के समान हैं?
जेन गुडॉल के अनुसार, चिंपांजी और इंसान के बीच कई समानताएँ हैं, जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं।
जेन गुडॉल का काम क्यों महत्वपूर्ण है?
जेन गुडॉल का काम मानवता और पशु-व्यवहार विज्ञान में एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है।
चिंपांजियों के व्यवहार का अध्ययन क्यों किया गया?
चिंपांजियों के व्यवहार का अध्ययन मानव और पशुओं के बीच संबंधों को समझने के लिए किया गया।