क्या रूस के कामचटका में ज्वालामुखी से उठ रहा है 10 किलोमीटर ऊँचा राख का गुबार?

Click to start listening
क्या रूस के कामचटका में ज्वालामुखी से उठ रहा है 10 किलोमीटर ऊँचा राख का गुबार?

सारांश

कामचटका प्रायद्वीप पर क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी से उठ रहा राख का गुबार, जो समुद्र तल से 7 किलोमीटर ऊँचा पहुँच गया है, पर्यटकों और निवासियों के लिए खतरा बन सकता है। इस ज्वालामुखी की गतिविधियाँ हाल ही में आए भूकंप के बाद तेज हुई हैं। क्या यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है?

Key Takeaways

  • कामचटका प्रायद्वीप पर ज्वालामुखी गतिविधि बढ़ी है।
  • राख का गुबार समुद्र तल से 10 किलोमीटर ऊँचा पहुँच गया।
  • पर्यटकों को यहाँ यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई है।
  • क्षेत्र में कोई आबादी नहीं है, जिससे तत्काल खतरा कम है।
  • यह ज्वालामुखी यूरोप का सबसे ऊँचा सक्रिय ज्वालामुखी है।

मॉस्को, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। रूस के सुदूर पूर्व में स्थित कामचटका प्रायद्वीप पर मंगलवार को क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी से राख का गुबार निकलना शुरू हो गया। यह राख समुद्र तल से लगभग 7 किलोमीटर की ऊँचाई तक पहुँच गई और दक्षिण-पूर्व दिशा में प्रशांत महासागर की ओर बढ़ने लगी। यह जानकारी स्थानीय अधिकारियों ने साझा की।

कामचटका में आपातकालीन स्थिति मंत्रालय की स्थानीय शाखा ने अपने टेलीग्राम चैनल पर बताया कि राख के बादल के मार्ग में कोई आबादी वाला क्षेत्र नहीं है और कहीं भी राख गिरने की कोई घटना नहीं हुई है। इसके अलावा, ज्वालामुखी के आस-पास इस समय कोई पर्यटकों का समूह नहीं है।

ज्वालामुखी को नारंगी विमानन चेतावनी स्तर में रखा गया है, जो यह इंगित करता है कि राख निकलने की संभावना अधिक है और यह हवाई यातायात के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सोमवार को ज्वालामुखी की गतिविधि तेज हो गई, जब रूसी विज्ञान अकादमी की जिओफिजिकल सर्विस की कामचटका शाखा ने क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी से चार अलग-अलग प्रकार के राख के गुबार उठते हुए दर्ज किए। इनमें से सबसे ऊँचा गुबार समुद्र तल से 9 किलोमीटर ऊपर तक पहुँच गया।

अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र के कई सक्रिय ज्वालामुखियों से 6 से 10 किलोमीटर तक राख निकल सकती है, इसलिए उन्होंने निवासियों और पर्यटकों से इन ज्वालामुखियों के आसपास 10 किलोमीटर के दायरे में यात्रा करने से बचने की सलाह दी है।

क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी समुद्र तल से 4,754 मीटर ऊँचा है और यह यूरेशिया का सबसे ऊँचा सक्रिय ज्वालामुखी है। यह उस्त-कामचत्स्की जिले में स्थित है।

ज्वालामुखी की यह गतिविधि 30 जुलाई को कामचटका में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद शुरू हुई, जो 1952 के बाद इस क्षेत्र का सबसे तेज भूकंप था। भूकंप का असर उत्तरी कुरील द्वीप समूह तक महसूस किया गया, जिसके चलते सुनामी की चेतावनी जारी की गई और सेवेरो-कुरीलस्क जिले में आपातकाल घोषित किया गया।

रूसी विज्ञान अकादमी की सुदूर पूर्वी शाखा के ज्वालामुखी और भूकंप विज्ञान संस्थान के निदेशक एलेक्सी ओजेरोव ने टीएएसएस समाचार एजेंसी को बताया, "हमारे आंकड़ों के अनुसार, कामचटका में इतनी बड़ी ज्वालामुखी गतिविधि आखिरी बार 1737 में हुई थी, जब 9 तीव्रता का भूकंप आया था।"

Point of View

बल्कि पर्यटकों के लिए भी चिंता पैदा कर दी है। भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना चाहिए और ऐसे क्षेत्रों में यात्रा से बचने की सलाह देनी चाहिए जहां प्राकृतिक आपदाओं का खतरा हो।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी कहाँ स्थित है?
क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी रूस के सुदूर पूर्व में कामचटका प्रायद्वीप पर स्थित है।
ज्वालामुखी से उठने वाले राख के गुबार की ऊँचाई क्या है?
ज्वालामुखी से उठने वाले राख के गुबार की ऊँचाई समुद्र तल से लगभग 10 किलोमीटर तक पहुँच गई है।
क्या इस क्षेत्र में आबादी है?
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, राख के बादल के मार्ग में कोई आबादी वाला क्षेत्र नहीं है।
क्या पर्यटकों का यहाँ आना सुरक्षित है?
इस समय, ज्वालामुखी के आसपास कोई पर्यटक मौजूद नहीं है और अधिकारियों ने यात्रा से बचने की सलाह दी है।
भूकंप का ज्वालामुखी गतिविधियों पर क्या प्रभाव पड़ा?
30 जुलाई को आए भूकंप के बाद ज्वालामुखी की गतिविधियाँ तेज हो गई हैं।