क्या खैबर पख्तूनख्वा में फ्लैश फ्लड ने 300 से ज्यादा लोगों की जान ले ली?

सारांश
Key Takeaways
- खैबर पख्तूनख्वा में बाढ़ ने 307 लोगों की जान ली।
- बुनेर सबसे प्रभावित जिला है।
- बचाव कार्य में 2000 से अधिक कर्मी लगे हुए हैं।
- भारी बारिश और भूस्खलन ने स्थिति को और बिगाड़ा।
नई दिल्ली, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। खैबर पख्तूनख्वा में मानसूनी बारिश ने विनाश का मंजर पेश किया है। केवल 48 घंटों के भीतर अचानक आई बाढ़ ने 300 से अधिक लोगों की जान ले ली है। स्थानीय मीडिया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मृतकों की संख्या 307 हो गई है।
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के अनुसार, शनिवार को खैबर पख्तूनख्वा में मरने वालों की संख्या 307 तक पहुंच गई। इसमें गिलगित-बाल्टिस्तान में लगभग 12 और पीओके में 9 लोगों की जान गई है।
खैबर पख्तूनख्वा में शुक्रवार को हुई अत्यधिक बारिश ने तबाही मचाई। कई जिलों में भारी बारिश और बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ में एक दिन में 200 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई। मृतकों में प्रांतीय सरकारी हेलीकॉप्टर के 5 चालक दल के सदस्य भी शामिल थे, जो राहत और बचाव कार्य के दौरान मोहमंद में दुर्घटनाग्रस्त हो गए।
डॉन (पाकिस्तानी मीडिया) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 48 घंटों में 184 लोगों की जान गई है और बुनेर सबसे प्रभावित जिला रहा। शांगला में 36, मनसेहरा में 23, स्वात में 22, बाजौर में 21, बट्टाग्राम में 15, निचले दीर में 5 और एबटाबाद में एक बच्चे के डूबने की खबर है। बाढ़ के कारण 11 घर नष्ट हुए हैं जबकि 63 क्षतिग्रस्त हुए हैं। स्वात और शांगला में सरकारी स्कूल भी प्रभावित हुए हैं।
बुनेर के डीसी काशिफ कयूम खान ने डॉन से कहा कि चगरजई तहसील में 30 लोग लापता हैं, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बचाव दल का तलाशी अभियान जारी है।
खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने बुनेर, बाजौर, स्वात, शांगला, मनसेहरा और बट्टाग्राम जैसे गंभीर रूप से प्रभावित पर्वतीय जिलों को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है।
पाकिस्तान के प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के अनुसार, लगभग 2,000 बचावकर्मी मलबे से शव निकालने और नौ प्रभावित जिलों में राहत अभियान चलाने में लगे हुए हैं। भारी बारिश, कई क्षेत्रों में भूस्खलन और सड़कें बह जाने के कारण सहायता पहुंचाने में, विशेषकर भारी मशीनरी और एम्बुलेंस पहुंचाने में कठिनाई हो रही है।