क्या पुतिन के लिए गर्व का कारण है 'डोनबास' का इतिहास, या है यह पश्चिम के साथ विवाद?

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क्या पुतिन के लिए गर्व का कारण है 'डोनबास' का इतिहास, या है यह पश्चिम के साथ विवाद?

सारांश

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हालिया वीडियो संदेश एक विवादास्पद विषय को छूता है। क्या डोनबास का इतिहास वास्तव में गर्व का कारण है या यह पश्चिम के साथ एक और विवाद है? जानें इस लेख में इस मुद्दे के पीछे की गहरी बातें और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • पुतिन का गर्व चार पूर्व यूक्रेनी क्षेत्रों को रूस से जोड़ने पर है।
  • यूक्रेन और पश्चिमी देशों का इसे कानूनी मान्यता नहीं देना।
  • डोनबास एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है।
  • रूस का दावा है कि यह अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक हितों की रक्षा कर रहा है।
  • यह कहानी केवल भू-राजनीति नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपराओं से भी जुड़ी है।

मास्को, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को एक वीडियो संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने उन क्षेत्रों का जिक्र किया जो यूक्रेन के प्रभाव में रहे और काफी अशांत रहे, जिन्हें बाद में रूस ने मान्यता दी।

क्रेमलिन द्वारा जारी इस वीडियो में पुतिन ने कहा कि मास्को को चार पूर्व यूक्रेनी क्षेत्रों को रूस से जोड़ने पर गर्व है। उनके अनुसार, यह क्षेत्र 'रूस की पैतृक भूमि' है, और यहां के लोगों ने स्वतंत्र और जिम्मेदारी से रूस के साथ जुड़ने का निर्णय लिया।

मास्को के आरटी न्यूज ने पुतिन की बात का सार प्रस्तुत किया। उनके अनुसार, “हमने अपने मूल राष्ट्रीय हित, साझा स्मृति, मूल्य, रूसी भाषा, परंपराओं, संस्कृति और धर्म की रक्षा की है। इसके साथ ही, हमारे पूर्वजों की उपलब्धियों का सम्मान करना हमारा पवित्र अधिकार है।”

30 सितंबर को रूस 'एकीकरण दिवस' मनाता है, जिसमें डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक, साथ ही खेरसन और जापोरिज्जिया के रूस से जुड़ने की बात पुतिन ने की। उन्होंने गर्व से कहा, "हमें जो करना था, वह किया, और हमें इस पर गर्व है।"

लेकिन इस कहानी में केवल गर्व नहीं है। यह कदम 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादास्पद' माना गया है। यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने इसे कानूनी रूप से मान्यता नहीं दी है। फिर भी, रूस इसे अपने 'ऐतिहासिक और सांस्कृतिक हितों की रक्षा' के रूप में प्रस्तुत करता है।

इस कहानी के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं! पहला सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव – पुतिन इसे केवल भू-राजनीति नहीं, बल्कि रूसी संस्कृति और परंपराओं के सम्मान के रूप में देखते हैं। दूसरा विवादास्पद अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया – पश्चिमी देश और यूक्रेन इसका विरोध करते हैं, जबकि पुतिन इसे नजरअंदाज करते हैं।

2014 में कीव में तख्तापलट के बाद, मुख्यतः रूसी भाषी क्षेत्रों डोनेट्स्क और लुगांस्क ने स्वतंत्रता की घोषणा के लिए मतदान किया था। उसी वर्ष क्रीमिया ने रूस में शामिल होने के लिए मतदान किया था। यूक्रेन और अधिकांश देश रूस की नई सीमाओं को मान्यता देने से इनकार करते हैं।

डोनबास दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन में स्थित एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक क्षेत्र है, जिसके कुछ हिस्सों पर रूस-यूक्रेनी युद्ध के परिणामस्वरूप डोनेट्स्क पीपल्स रिपब्लिक और लुहान्स्क पीपल्स रिपब्लिक जैसे अलगाववादी समूहों का कब्जा है। डोनबास शब्द "डोनेट्स कोल बेसिन" का संक्षिप्त नाम है।

मार्च 2014 में, यूरोमैडन और 2014 की यूक्रेनी क्रांति के बाद, डोनबास के बड़े क्षेत्रों में तनाव बना रहा। अशांति को बाद में स्व-घोषित डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपल्स रिपब्लिक से जुड़े रूसी और रूसी समर्थक अलगाववादियों ने युद्ध में बदल दिया। इन दोनों संगठनों को 2022 में रूस ने मान्यता दे दी, लेकिन यूएन से जुड़े किसी अन्य देश ने इसे मान्यता नहीं दी। रूस इसे हर प्रकार की मदद प्रदान करता है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस विषय को समझें। पुतिन का गर्व और अंतरराष्ट्रीय विवाद दोनों ही आवश्यक पहलू हैं। हमें यह जानने की जरूरत है कि यह केवल भू-राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव भी है।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

डोनबास का स्थान कहां है?
डोनबास दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन में स्थित एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक क्षेत्र है।
पुतिन का गर्व क्यों है?
पुतिन का गर्व चार पूर्व यूक्रेनी क्षेत्रों के रूस से जुड़ने पर है, जिन्हें उन्होंने 'रूस की पैतृक भूमि' बताया।
क्या यूक्रेन और पश्चिम ने रूस की नई सीमाओं को मान्यता दी है?
नहीं, यूक्रेन और अधिकांश पश्चिमी देश रूस की नई सीमाओं को मान्यता देने से इनकार करते हैं।
डोनबास शब्द का क्या मतलब है?
डोनबास शब्द 'डोनेट्स कोल बेसिन' का संक्षिप्त नाम है।
रूस ने डोनेट्स्क और लुहान्स्क को कब मान्यता दी?
रूस ने 2022 में डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपल्स रिपब्लिक को मान्यता दी।