क्या नेतन्याहू का गाजा डील पर दावा सुर्खियों में है? हमास के इरादे पर कतर ने क्या जिम्मेदारी ली?

सारांश
Key Takeaways
- गाजा डील पर नेतन्याहू का बयान महत्वपूर्ण है।
- कतर का हमास के प्रति समर्थन दर्शाता है कि वे इस मुद्दे पर गंभीर हैं।
- इजरायल का गाजा में सैन्य उपस्थिति बनाए रखने का निर्णय स्थिति को जटिल बनाता है।
नई दिल्ली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ट्रंप-नेतन्याहू की गाजा डील के कुछ ही घंटे बाद इजरायली पीएम ने अपने टेलीग्राम अकाउंट के माध्यम से जो कहा वो सुर्खियों में आ गया। इस बीच हमास के रुख पर पूछे गए सवाल के जवाब में कतर के विदेश मंत्रालय ने जो जानकारी दी, वह हमास के इरादों को स्पष्ट करती है।
कतर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि हमास ने गाजा में युद्ध समाप्त करने के लिए अमेरिकी योजना पर ‘जिम्मेदारी से’ चर्चा करने का वादा किया है। यह योजना कल (29 सितंबर) दोहा में एक प्रतिनिधिमंडल को सौंपी गई थी।
अंसारी ने कहा, “हमने इसे रात 11:30 बजे के बाद सौंपा है, इसलिए अभी प्रतिक्रिया के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी। हम आशावादी हैं। यह एक व्यापक योजना है और हम उनके संपर्क में बने रहेंगे।”
उनका यह बयान ठीक ऐसे समय आया जब इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का एक वीडियो उनके टेलीग्राम अकाउंट पर प्रकाशित हुआ जो सुर्खियां बटोर रहा था। नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि आईडीएफ गाजा नहीं छोड़ेगा। अपनी अमेरिका यात्रा पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ट्रंप के साथ तैयार की गई योजना के अनुसार आईडीएफ ‘अधिकांश क्षेत्र में बना रहेगा’ और इजरायल फिलिस्तीन को मान्यता देने पर “बिल्कुल भी सहमत नहीं” है।
नेतन्याहू ने कहा, “यह एक ऐतिहासिक यात्रा थी। हमास के कारण हमें अलग-थलग करने के बजाय, हमने पलटवार किया और हमास को अलग-थलग कर दिया। अब अरब और मुस्लिम जगत सहित पूरी दुनिया हमास पर उन शर्तों को स्वीकार करने का दबाव बना रही है जो हमने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मिलकर रखी थीं: हमारे सभी बंधकों को रिहा करना इसमें शामिल है, जबकि आईडीएफ अधिकांश क्षेत्र में बना रहेगा।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अपनी यात्रा के दौरान फिलिस्तीन को मान्यता पर सहमति व्यक्त की थी, नेतन्याहू ने कहा, “बिल्कुल नहीं, और यह समझौते में भी नहीं लिखा है। लेकिन एक बात हमने जरूर कही कि हम फिलिस्तीनी राज्य के सख्त खिलाफ हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने भी यही कहा कि वह हमारी स्थिति समझते हैं।”