क्या वेस्ट, ईरान से अपने उद्देश्यों में विफल होने के बाद बात करना चाहता है?: अराघची
सारांश
Key Takeaways
- पश्चिमी देशों द्वारा बातचीत की अपील स्वाभाविक है।
- ईरान दबाव में बातचीत को स्वीकार नहीं करेगा।
- कूटनीति ही विवादों का अंतिम समाधान है।
तेहरान, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने रविवार को यह दावा किया है कि पश्चिमी देश उनसे परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत करने के इच्छुक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जून में सैन्य कार्रवाई के माध्यम से अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में "विफल" रहने के बाद, पश्चिमी सरकारें इस नए दृष्टिकोण को अपना रही हैं।
सिन्हुआ के अनुसार, अराघची ने कहा कि पश्चिमी शक्तियों को "सैन्य हमलों के माध्यम से ईरान के परमाणु कार्यक्रम" के खिलाफ कुछ भी हासिल नहीं हुआ, इसीलिए बातचीत की अपील स्वाभाविक है। उन्होंने इस विवाद का कोई सैन्य समाधान न होने पर जोर दिया।
उन्होंने दोहराया कि ईरान दबाव में की जाने वाली बातचीत को स्वीकार नहीं करेगा। यह बातचीत "उचित और तार्किक" सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए, न कि "निर्देशन और धौंस" पर।
अराघची ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और इजरायल हाल की लड़ाई में अपने किसी भी लक्ष्य को हासिल करने में असफल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हवाई हमले परमाणु प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, लेकिन वे ईरान की तकनीकी क्षमताओं या जनता के संकल्प को नहीं तोड़ सकते। उन्होंने कहा, "हमारे प्रतिष्ठान नष्ट हो गए, लेकिन हमारी तकनीक सुरक्षित है, और हमारी इच्छाशक्ति और भी मजबूत है।"
उन्होंने कहा कि ईरान हमेशा गंभीर वार्ता के लिए सही परिस्थितियों में तैयार रहा है, और कहा कि क्षेत्र में विवादों को सुलझाने के लिए कूटनीति ही "अंतिम समाधान" है।
ईरान और अमेरिका ने परमाणु मुद्दे और अमेरिकी प्रतिबंधों में राहत के लिए ओमान की मध्यस्थता में पांच दौर की अप्रत्यक्ष वार्ता की थी, और छठे दौर की तैयारी कर रहे थे, जब 13 जून को इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े हवाई हमले किए, जिसमें कई लोग मारे गए। 22 जून को, अमेरिकी सेना ने नतांज, फोर्डो और इस्फहान स्थित ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले किए।