क्या लावरोव ने यूक्रेन के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया?

Click to start listening
क्या लावरोव ने यूक्रेन के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया?

सारांश

संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रूस के खिलाफ साजिश करने वाले देशों को चेतावनी दी है। उन्होंने यूक्रेन पर हमले रोकने की शर्तें भी रखी हैं। क्या यह रूस की एक नई रणनीति है?

Key Takeaways

  • रूस ने यूक्रेन पर हमले रोकने के लिए शर्तें रखी हैं।
  • लावरोव ने रूस के खिलाफ किसी भी आक्रमण का दृढ़ता से जवाब देने की बात कही।
  • यूक्रेन में रूसी भाषी लोगों के अधिकारों की बहाली की आवश्यकता पर जोर।
  • रूस और अमेरिका के बीच बातचीत की संभावनाएं मौजूद हैं।
  • न्यू स्टार्ट संधि की समाप्ति के बाद रूस ने परमाणु सीमा का पालन करने की इच्छा व्यक्त की।

संयुक्त राष्ट्र, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। रूस और यूक्रेन के बीच 2022 से जारी संघर्ष के बीच, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस में रूस के खिलाफ साजिश करने वाले देशों को चेतावनी दी। उन्होंने यूक्रेन पर हमले बंद करने के लिए कुछ शर्तें भी रखी।

लावरोव ने कहा कि रूस के खिलाफ किसी भी आक्रमण का दृढ़ता से जवाब दिया जाएगा।

शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश लगातार रूस के खिलाफ बल प्रयोग की धमकियां दे रहे हैं और मास्को पर NATO और यूरोपीय संघ देशों पर हमले की योजना बनाने का आरोप लगा रहे हैं।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बार-बार इस प्रकार के उकसावे को खारिज किया है। लावरोव ने कहा कि रूस का ऐसा कोई इरादा न तो कभी था और न ही है।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर लावरोव ने कहा, "जैसा कि राष्ट्रपति ने बार-बार कहा है कि रूस शुरू से ही संघर्ष के मूल कारणों को खत्म करने के लिए बातचीत के लिए तैयार रहा है और रहेगा।"

लावरोव ने कहा कि रूस की सुरक्षा और महत्वपूर्ण हितों की विश्वसनीय गारंटी होनी चाहिए। यूक्रेन के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में रूसियों और रूसी भाषी लोगों के अधिकारों को बहाल किया जाना चाहिए और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। इस आधार पर हम यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी पर बात करने के लिए तैयार हैं।

रूस-अमेरिका संबंधों पर लावरोव ने कहा कि रूस को दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रहने की उम्मीद है, विशेषकर अगस्त में अमेरिकी राज्य अलास्का में हुई शिखर वार्ता के बाद।

लावरोव ने कहा कि रूस अमेरिका की ओर से न केवल यूक्रेन संकट के समाधान के लिए यथार्थवादी तरीके खोजने में योगदान देने की चाह रखता है, बल्कि बिना किसी वैचारिक रुख अपनाए व्यावहारिक सहयोग विकसित करने की इच्छा भी रखता है।

उन्होंने कहा कि रूस और अमेरिका विश्व की स्थिति और मानवता को एक नए युद्ध में धकेलने वाले जोखिमों से बचाने के लिए विशेष जिम्मेदारी लेते हैं।

लावरोव ने पुतिन द्वारा प्रस्तावित एक नई पहल को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि मास्को फरवरी 2026 में नई सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि (न्यू स्टार्ट) की समाप्ति के बाद एक वर्ष तक परमाणु हथियारों की सीमा का पालन करने के लिए तैयार है, बशर्ते अमेरिका भी यही कदम उठाए और ऐसी कार्रवाइयों से परहेज करे जो निवारक क्षमताओं के मौजूदा संतुलन को बिगाड़ सकती हैं।

रूस और अमेरिका द्वारा 2010 में हस्ताक्षरित न्यू स्टार्ट संधि तैनात किए गए परमाणु हथियारों और सामरिक वितरण प्रणालियों की संख्या पर सीमा लगाती है। यह संधि 5 फरवरी, 2011 को लागू हुई थी और 5 फरवरी, 2021 को समाप्त होनी थी। मॉस्को और वाशिंगटन ने आधिकारिक तौर पर इस संधि को पांच साल के लिए बढ़ाकर फरवरी 2026 कर दिया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि रूस और यूक्रेन के बीच का संघर्ष केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालता है। रूस की सुरक्षा और हितों की रक्षा का यह प्रयास न केवल उसके लिए, बल्कि समस्त विश्व के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
28/09/2025

Frequently Asked Questions

यूक्रेन पर रूस का अगला कदम क्या होगा?
रूस ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब देगा, जिससे यूक्रेन के लिए स्थिति और अधिक जटिल हो सकती है।
क्या लावरोव की चेतावनी का असर होगा?
यह देखना होगा कि पश्चिमी देश इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेते हैं और क्या वे अपने रुख में बदलाव करते हैं।
क्या अमेरिका और रूस के बीच बातचीत संभव है?
लावरोव ने बातचीत की उम्मीद जताई है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि दोनों देश किस तरह के रुख अपनाते हैं।