क्या भारत ने सोमालीलैंड को मान्यता दी?
सारांश
Key Takeaways
- इजरायल ने सोमालीलैंड को मान्यता दी है।
- भारत ने इन खबरों का खंडन किया है।
- सोमालीलैंड 1991 में स्वतंत्र हुआ था।
- यह मामला क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव डाल सकता है।
- सोमालीलैंड की जनसंख्या लगभग 62 लाख है।
नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में इजरायल ने सोमालीलैंड को एक देश के रूप में मान्यता दी है। इस निर्णय के बाद कई अन्य देशों ने भी सोमालीलैंड को मान्यता देने में इजरायल का समर्थन किया है। हालांकि, कुछ देशों ने इस फैसले का विरोध किया है। इसी संदर्भ में भारत से जुड़ी एक झूठी खबर प्रसारित की गई थी, जिसे भारतीय विदेश मंत्रालय ने खंडित किया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
एक समाचार वेबसाइट, इनसाइड अफ्रीका, ने यह जानकारी दी थी कि भारत भी सोमालीलैंड को एक देश के रूप में मान्यता देने की योजना बना रहा है। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया, "यह सूचना भ्रामक है। कृपया सतर्क रहें!"
इनसाइड अफ्रीका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भारत सोमालीलैंड को मान्यता देने वाला अगला संभावित देश हो सकता है। पश्चिमी हिंद महासागर में रणनीतिक प्रभाव और चीन का मुकाबला करने के लिए, भारत सोमालीलैंड के बरबेरा पोर्ट और इथियोपिया तक पहुंच को महत्वपूर्ण मानता है, जिसे भारतीय नीति विश्लेषकों ने लंबे समय से प्राथमिकता दी है।"
यह ध्यान देने योग्य है कि सोमालीलैंड ने 1991 में सोमालिया से अलग होकर स्वतंत्रता हासिल की थी। इसकी जनसंख्या लगभग 62 लाख है और यहाँ सोमाली, अरबी और अंग्रेजी भाषाएँ बोली जाती हैं।
1991 में पूर्व तानाशाह जनरल सियाद बर्रे के खिलाफ युद्ध के बाद सोमालीलैंड ने अपने स्वतंत्र अस्तित्व की स्थापना की। चूंकि इजरायल ने इसे सबसे पहले एक देश के रूप में मान्यता दी है, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि अन्य देश भी इसे मान्यता देने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। लगभग 34 वर्षों के बाद, किसी देश को मान्यता दी गई है।
हालांकि, इजरायल के इस निर्णय से मुस्लिम देशों में काफी नाराजगी पैदा हुई है। पाकिस्तान, जॉर्डन, मिस्र, अल्जीरिया, कोमोरोस, जिबूती, गाम्बिया, ईरान, इराक, कुवैत, लीबिया, मालदीव, नाइजीरिया, ओमान, फिलिस्तीन, कतर, सऊदी अरब, सोमालिया, सूडान, तुर्किये, यमन और ओआईसी के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर इजरायल की मान्यता को नकार दिया है।