क्या म्यांमार में 28 दिसंबर को आम चुनाव का पहला चरण होगा?

सारांश
Key Takeaways
- आम चुनाव का पहला चरण 28 दिसंबर को होगा।
- संविधान के अनुसार चुनाव की प्रक्रिया होगी।
- मिन आंग ह्लाइंग ने चुनाव की घोषणा की है।
- डिजिटल इकोनॉमी रोडमैप 2030 पर काम जारी है।
- एनडीएससी ने आपातकाल समाप्त करने का निर्णय लिया है।
यांगून, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। म्यांमार में 28 दिसंबर को बहुदलीय आम चुनाव के पहले चरण का आयोजन किया जाएगा। सोमवार को संघ चुनाव आयोग ने इसकी पुष्टि की।
आयोग ने बताया कि संविधान और संबंधित कानूनों के अनुसार आम चुनाव का पहला चरण 28 दिसंबर को होगा। बाकी चरणों की तिथियां बाद में घोषित की जाएंगी। यह जानकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने साझा की।
म्यांमार के नेता वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने जून में कहा था कि चुनाव दिसंबर और जनवरी के बीच आयोजित किए जाएंगे।
पिछले महीने, म्यांमार की राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा परिषद (एनडीएससी) ने एक नई संघ सरकार और राज्य सुरक्षा एवं शांति आयोग का गठन किया। संघ सरकार का नेतृत्व प्रधानमंत्री उ न्यो सॉ करेंगे, जबकि सुरक्षा एवं शांति आयोग की अध्यक्षता स्वयं वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग कर रहे हैं।
एनडीएससी ने संप्रभु शक्ति को रक्षा सेवा के कमांडर-इन-चीफ को हस्तांतरित करने वाले आदेश को निरस्त करने का निर्णय भी लिया है।
राज्य प्रशासन परिषद के प्रवक्ता जॉ मिन तुन ने बताया कि आम चुनाव कराए जाने के लिए एनडीएससी ने आपातकाल की स्थिति समाप्त करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि फरवरी 2021 में तत्कालीन कार्यवाहक राष्ट्रपति यू म्यिंट स्वे ने एक वर्ष का आपातकाल लागू किया था और संप्रभु शक्ति कमांडर-इन-चीफ ऑफ डिफेंस सर्विसेज को सौंप दी थी। इसके बाद कमांडर-इन-चीफ के कार्यालय ने राज्य प्रशासन परिषद का गठन किया, जिसकी अध्यक्षता मिन आंग ह्लाइंग कर रहे थे। आपातकाल की स्थिति को 31 जुलाई 2025 तक कई बार छह-छह माह के लिए बढ़ाया गया था।
इस बीच, म्यांमार अपने डिजिटल इकोनॉमी रोडमैप 2030 को लागू कर रहा है ताकि डिजिटल परिवर्तन को तेज किया जा सके। हाल ही में 25 जुलाई को नाय पी तॉ में वाणिज्य मंत्रालय में डिजिटल इकोनॉमी डेवलपमेंट कमेटी (डीईडीसी) की समन्वय बैठक हुई, जिसमें प्रगति की समीक्षा और आगामी प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई।
बैठक में परिवहन और संचार मंत्री एवं समिति के संरक्षक जनरल म्या तुन ऊ ने कहा कि डिजिटल माध्यमों से तेज विकास, विकासशील देशों के लिए प्रगति का मुख्य आधार है। उन्होंने बताया कि विश्व आर्थिक मंच के अनुसार वर्तमान में डिजिटल अर्थव्यवस्था का वैश्विक जीडीपी में योगदान 15 प्रतिशत है, जो 2030 तक 25 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है। उन्होंने सभी क्षेत्रों में समन्वित कार्रवाई करने और म्यांमार का डिजिटल भविष्य बनाने पर जोर दिया।