क्या फिलिस्तीन पर बेंजामिन नेतन्याहू का रुख स्पष्ट है?
सारांश
Key Takeaways
- नेतन्याहू ने हमास को निरस्त्र करने की योजना बनाई है।
- फिलिस्तीनी राज्य के खिलाफ विरोध जारी रहेगा।
- गाजा के क्षेत्र का विसैन्यीकरण किया जाएगा।
- निर्वाचित अधिकारियों के खिलाफ उपद्रवों की निंदा की गई है।
- कानून का पालन करने वाले देश के रूप में इजरायल की प्रतिबद्धता।
यरूशलेम, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फिलिस्तीन और गाजा के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के खिलाफ हमारा विरोध जारी रहेगा और हमास को निरस्त्र किया जाएगा।
इजरायल सरकार की बैठक में प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि मैं दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करना चाहता हूं। पहला मुद्दा गाजा के उस हिस्से के कथित 'गैर-सैन्यीकरण' का है, जो हमास के नियंत्रण में है। इस क्षेत्र का विसैन्यीकरण किया जाएगा और हमास को निरस्त्र किया जाएगा। इसके लिए चाहे आसान तरीका अपनाना पड़े या कठिन। यही राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप भी चाहते हैं।
उन्होंने फिलिस्तीनी राज्य के संदर्भ में कहा कि जॉर्डन नदी के पश्चिम में किसी भी क्षेत्र में फिलिस्तीनी राज्य के प्रति हमारा विरोध जारी रहेगा। इसमें रत्ती भर भी परिवर्तन नहीं होगा। नेतन्याहू ने इस बैठक में 20 सूत्रीय योजना प्रस्तुत की है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में हम दो प्रकार के उपद्रव देख रहे हैं, जिन्हें हम पूरी तरह से अस्वीकार करते हैं। एक है निर्वाचित अधिकारियों के खिलाफ उपद्रव, चाहे वे कोई भी हों, और कल ही हमारे मित्र एमके बेन-त्जूर के खिलाफ ऐसी ही हिंसा हुई। उपद्रवी माइनॉरिटी में हैं। यह अति-रूढ़िवादी जनता का प्रतिनिधित्व नहीं करता, लेकिन हमें कानून के इन उल्लंघनों से पूरी ताकत से लड़ना होगा और हम ऐसा करेंगे।
नेतन्याहू ने आगे कहा कि दूसरी गड़बड़ी भी माइनॉरिटी द्वारा की जा रही है। ये माइनॉरिटी लोग यहूदिया और सामरिया में प्रवेश करते हैं। उनके खिलाफ भी ये उपद्रव, आईडीएफ सैनिकों और फिलिस्तीनियों दोनों के खिलाफ हम बहुत सख्त कार्रवाई करेंगे, क्योंकि हम एक कानून का पालन करने वाला देश हैं, और कानून का पालन करने वाला देश कानून के अनुसार काम करता है।