क्या हमास को पाकिस्तान का समर्थन वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है?

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क्या हमास को पाकिस्तान का समर्थन वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है?

सारांश

पाकिस्तान एक बार फिर वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बन रहा है। आतंकवादी संगठन हमास को समर्थन देकर, वह खुद को आतंकवाद विरोधी सहयोगी के रूप में प्रस्तुत कर रहा है। जानिए इस खतरे के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • पाकिस्तान ने हमास को सुरक्षित स्थान और सामरिक सहायता प्रदान की है।
  • पाकिस्तान की आईएसआई हमास के आतंकियों को प्रशिक्षण दे रही है।
  • यह नीति वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
  • पश्चिमी देशों की प्रयासों को झटका लगा है।
  • क्या अमेरिका को पाकिस्तान को प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी बनाए रखना चाहिए?

इस्लामाबाद, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादियों को आश्रय देने वाला पाकिस्तान एक बार फिर से वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बनता जा रहा है। अब वह आतंकवादी संगठन हमास को सुरक्षित स्थान और सहायता देकर, खुद को आतंकवाद विरोधी सहयोगी के रूप में प्रदर्शित करते हुए दोहरा खेल खेल रहा है। यह जानकारी एक विस्तृत रिपोर्ट में सामने आई है।

बांग्लादेश के प्रमुख मीडिया संस्थान 'ब्लिट्ज' की रिपोर्ट के अनुसार, "पाकिस्तान लंबे समय से दोहरे चरित्र की नीति में माहिर है, जहां वह एक ओर आतंकवाद के खिलाफ साझेदार होने का दिखावा करता है, वहीं दूसरी ओर गुप्त रूप से जिहादी समूहों को अपने भू-राजनीतिक उद्देश्यों के लिए पोषित करता है। यह खतरनाक रणनीति अब और भी घातक चरण में प्रवेश कर रही है, जहां पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) हमास के आतंकियों को गुप्त रूप से प्रशिक्षण दे रही है।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब पश्चिमी देश 7 अक्टूबर 2023 के नरसंहार के बाद हमास को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं, तब पाकिस्तान गाजा स्थित इस आतंकी संगठन को गुप्त रूप से संसाधन, सैन्य विशेषज्ञता और आश्रय प्रदान कर रहा है। आईएसआई, हमास और पाकिस्तान के राजनीतिक-सैन्य नेतृत्व के बीच यह गठजोड़ न केवल इजरायल और भारत के लिए खतरा है, बल्कि अमेरिका के आतंकवाद-रोधी प्रयासों और वैश्विक सुरक्षा को भी कमजोर करता है।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर की व्हाइट हाउस में मेजबानी के बावजूद, इस्लामाबाद अपने पुराने दोहरे मानदंडों पर कायम है, जो अब खुली धोखाधड़ी के बराबर हैं।

विश्वसनीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, हमास के प्रतिनिधि पाकिस्तान की जमीन पर स्वतंत्र रूप से सक्रिय हैं, सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं और स्थानीय जिहादी संगठनों से गठजोड़ कर रहे हैं। उन्हें आईएसआई और पाकिस्तानी सेना की एक विशेष इकाई द्वारा कम से कम दो गुप्त शिविरों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिनमें से एक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित है।

इन कदमों से पश्चिमी देशों की हमास को अलग-थलग करने की कोशिशों को गहरा झटका लगा है और यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या अमेरिका को पाकिस्तान को "प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी" के रूप में बनाए रखना चाहिए।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान की यह दोहरी नीति न केवल वैश्विक सुरक्षा को खतरे में डाल रही है, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी गंभीर चुनौतियां उत्पन्न कर रही है।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

पाकिस्तान का हमास के प्रति क्या रुख है?
पाकिस्तान हमास को समर्थन देकर खुद को आतंकवाद विरोधी सहयोगी के रूप में प्रदर्शित करता है।
यह समर्थन वैश्विक सुरक्षा को कैसे प्रभावित करता है?
यह समर्थन आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों को कमजोर करता है और इजरायल और भारत के लिए खतरा उत्पन्न करता है।
पश्चिमी देशों को इस पर क्या कदम उठाने चाहिए?
पश्चिमी देशों को पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयास मजबूत हो सकें।