क्या पाकिस्तान में मानसूनी बारिश और बाढ़ ने मचाई तबाही, अब तक 116 की मौत?

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क्या पाकिस्तान में मानसूनी बारिश और बाढ़ ने मचाई तबाही, अब तक 116 की मौत?

सारांश

पाकिस्तान में मानसूनी बारिश और बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई है, जिसमें 116 जानें चली गई हैं। जानें किस क्षेत्र में अधिकतम नुकसान हुआ और सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। जानें पूरी कहानी इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • मानसूनी बारिश के कारण पाकिस्तान में 116 लोगों की मौत हुई।
  • बाढ़ का खतरा कई राज्यों में बढ़ रहा है।
  • सरकार ने चेतावनियाँ जारी की हैं।
  • स्थानीय निकायों को तत्काल उपाय करने की आवश्यकता है।
  • जनता को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

इस्लामाबाद, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, देश में मानसून की भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने 26 जून से लेकर अब तक 116 लोगों की जान ले ली है। इसके अलावा, 253 लोग घायल हुए हैं।

एनडीएमए की नवीनतम रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले 24 घंटों में बारिश से संबंधित घटनाओं में 5 और लोगों की मौतें हुई हैं, जबकि 41 लोग घायल हुए हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, सबसे ज्यादा 44 मौतें पूर्वी पंजाब प्रांत में हुई हैं। इसके बाद उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा में 37, दक्षिणी सिंध में 18 और दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान में 16 मौतें दर्ज की गई हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में 1 मौत हुई और 5 लोग घायल हुए, जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान और इस्लामाबाद में कोई हताहत नहीं हुआ है।

एजेंसी ने पाकिस्तान के कई राज्यों के लिए मौसम संबंधी चेतावनी जारी की है। एनडीएमए के अनुसार, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के कुछ क्षेत्रों में गुरुवार तक भारी बारिश और बाढ़ की आशंका जताई गई है।

पिछले सप्ताह प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने खैबर पख्तूनख्वा में 11 से 17 जुलाई तक भारी बारिश का अनुमान लगाया था, जिससे बाढ़ का खतरा और भी बढ़ सकता है।

पाकिस्तान में मानसून जून से सितंबर तक रहता है और हर साल भारी बारिश से बाढ़, भूस्खलन और विस्थापन होता है। खासकर घनी आबादी और खराब जल निकासी वाले क्षेत्रों में ये समस्याएं बढ़ जाती हैं। सिंध के थारपारकर, मीरपुर खास, सांघर, सक्खर, लरकाना, दादू, जैकोबाबाद, खैरपुर और शहीद बेनजीराबाद में 14 से 16 जुलाई तक बारिश और तूफान के साथ भारी बारिश की संभावना है।

पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'डॉन' के अनुसार, मौसम विभाग ने इस्लामाबाद, रावलपिंडी, गुजरांवाला, लाहौर, सियालकोट, सरगोधा, फैसलाबाद, खानेवाल, मुल्तान, साहिवाल, ओकारा, बहावलपुर, बहावलनगर, वेहारी, नौशेरा और पेशावर के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है।

26 जून से 14 जुलाई के बीच बिजली का करंट लगना बारिश से जुड़ी मौतों का प्रमुख कारण रहा है। इसके बाद अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचाई है। जून के अंत में एक दुखद घटना में 13 पर्यटकों की नदी में बहने से मौत हो गई थी।

अधिकारियों ने निचले और जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। साथ ही बचाव और राहत कार्य प्रभावित क्षेत्रों में जारी हैं। हालांकि, सिंध सरकार ने नालों और सीवर लाइनों की सफाई के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए, जिससे कई इलाके जलमग्न हैं, जबकि 15 जुलाई से फिर से बारिश होने की संभावना है।

पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, सिंध के हैदराबाद में घनी आबादी वाले इलाकों में मुख्य नालियां कचरे से भरी हैं और नालियों के किनारे की टूटी या गायब दीवारें ठीक नहीं की गई हैं। इस वजह से स्थानीय जनता काफी चिंतित है।

मौसम विभाग ने सिंध सरकार को बारिश की चेतावनी दी थी, जिसके बाद उच्च-स्तरीय बैठकों में आयुक्तों, उपायुक्तों और स्थानीय नगर निकायों को शहरी बाढ़ की संभावना के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।

इससे पहले, सिंध स्थानीय निकाय विभाग ने 10 जुलाई को हैदराबाद नगर निगम सहित विभिन्न नगर निगमों को जरूरी उपाय करने का निर्देश दिया था, लेकिन 48 घंटे बीतने के बाद भी कोई जमीन पर तैयारी शुरू नहीं हुई।

सरकार से हर महीने 12 लाख रुपए अनुदान मिलने के बावजूद संबंधित यूनियन समितियों ने इस स्थिति पर ध्यान नहीं दिया। वेतन और बिजली बिलों के भुगतान के बाद भी नाली रखरखाव जैसे जरूरी सामुदायिक कार्यों के लिए यह राशि उपयोग नहीं की गई।

विडंबना यह है कि हर साल सिंध सरकार और स्थानीय निकाय आपातकालीन बैठकें करते हैं और बारिश की तैयारी योजनाएं बनाते हैं, जिसके लिए बजट में लाखों रुपए आवंटित किए जाते हैं। हालांकि, वास्तव में एक भी नाले की पूरी तरह से सफाई नहीं की गई और हर साल नालों की सफाई के नाम पर फर्जी बिल भी बनाए जाते हैं।

Point of View

हम अपने राष्ट्र के साथ खड़े हैं। यह समय है एकजुटता और सहानुभूति दिखाने का, क्योंकि पाकिस्तान में प्राकृतिक आपदाओं ने कई परिवारों को प्रभावित किया है। सरकार और स्थानीय निकायों को इस स्थिति से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

पाकिस्तान में बाढ़ के कारण कितने लोग प्रभावित हुए हैं?
पाकिस्तान में अब तक 116 लोगों की जान गई है और 253 लोग घायल हुए हैं।
कौन से प्रांत में सबसे अधिक मौतें हुई हैं?
पूर्वी पंजाब प्रांत में सबसे अधिक 44 मौतें हुई हैं।
सरकार ने बाढ़ की चेतावनियाँ कब जारी की थीं?
मौसम विभाग ने हाल ही में कई राज्यों के लिए बाढ़ की चेतावनियाँ जारी की हैं।
क्या बचाव कार्य अभी भी जारी हैं?
हाँ, बचाव और राहत कार्य प्रभावित क्षेत्रों में जारी हैं।
सिंध सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
सिंध सरकार ने नालों और सीवर लाइनों की सफाई के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं।