क्या पीएम मोदी 29 अगस्त से 1 सितंबर तक जापान और चीन के दौरे पर रहेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी की जापान यात्रा 29-30 अगस्त को होगी।
- वे भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
- चीन यात्रा 31 अगस्त से 1 सितंबर तक होगी।
- वे एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
- दोनों देशों के बीच सामरिक संबंध मजबूत होंगे।
नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त से 1 सितंबर, 2025 तक जापान और चीन की यात्रा पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पीएम मोदी की इस यात्रा का कार्यक्रम साझा किया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम मोदी, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के निमंत्रण पर 29 और 30 अगस्त को जापान में रहेंगे। इस दौरान वे 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
यह यात्रा पीएम मोदी की जापान की आठवीं यात्रा होगी और पीएम इशिबा के साथ यह उनका पहला शिखर सम्मेलन होगा।
इस दौरे के दौरान दोनों प्रधानमंत्री भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी की समीक्षा करेंगे, जिसमें रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, इनवोवेशन और लोगों के बीच आदान-प्रदान शामिल हैं।
इसके अलावा, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी चर्चा होगी। यह यात्रा दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही मित्रता के बंधन को और मजबूत करेगी।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि यात्रा के दूसरे चरण में पीएम मोदी चीन का दौरा करेंगे। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर पीएम मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन में रहेंगे। वे तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। शिखर सम्मेलन के दौरान, पीएम मोदी के कई अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों में शामिल होने की संभावना है।
यह ध्यान देने योग्य है कि भारत 2017 से एससीओ का सदस्य है और उसने 2022-23 में एससीओ के राष्ट्राध्यक्ष परिषद की अध्यक्षता की थी।
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा था, "विदेश मंत्री वांग यी से मिलकर खुशी हुई। पिछले वर्ष कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मेरी मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंधों में एक-दूसरे के हितों और संवेदनाओं का सम्मान करते हुए लगातार प्रगति हुई है। मैं एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में हमारी अगली मुलाकात का इंतजार कर रहा हूं। भारत और चीन के बीच स्थिर, विश्वसनीय और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।"