क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा में 51वें जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे?

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क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा में 51वें जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा में आयोजित 51वें जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह सम्मेलन वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच होगा, जिसमें भारत की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया जाएगा। जानिए इस शिखर सम्मेलन की महत्ता और मोदी जी की योजनाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी का छठा जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेना।
  • भारत की वैश्विक भूमिका में वृद्धि।
  • जलवायु परिवर्तन और डिजिटल परिवर्तन पर चर्चा।
  • भारत-कनाडा संबंधों को मजबूत करने का अवसर।
  • विशेष अतिथि के रूप में भारत की भागीदारी।

नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा में आयोजित 51वें जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह उनकी इस प्रतिष्ठित वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने की छठी बार है। जी7 शिखर सम्मेलन में दुनिया के सात प्रमुख देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे, जिनमें अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा शामिल हैं।

यह एक महत्वपूर्ण मंच है जहां वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। भारत को इस सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जो देश की बढ़ती वैश्विक स्थिति को दर्शाता है। इस वर्ष का जी7 शिखर सम्मेलन वैश्विक आर्थिक स्थिरता, जलवायु परिवर्तन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और भू-राजनीतिक तनाव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूती से प्रस्तुत करेंगे और भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ तथा ‘विकसित भारत 2047’ की दृष्टि को रेखांकित करेंगे। वे वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत के योगदान, जैसे डिजिटल परिवर्तन, हरित ऊर्जा और वैश्विक स्वास्थ्य पहलों पर भी जोर देंगे।

प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को भारत-कनाडा संबंधों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच कुछ राजनयिक तनाव के बावजूद, यह शिखर सम्मेलन आपसी सहयोग को बढ़ाने का एक अवसर प्रदान करेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि पीएम मोदी कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी के साथ द्विपक्षीय वार्ता में व्यापार, निवेश और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा कर सकते हैं। जी7 शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी वैश्विक मंच पर उसकी रणनीतिक भूमिका को और मजबूत करती है।

पीएम मोदी ने पहले भी जी7 बैठकों में जलवायु परिवर्तन, डिजिटल अर्थव्यवस्था, और कोविड-19 महामारी जैसी वैश्विक चुनौतियों पर भारत के दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है।

इस बार भी वे वैश्विक शांति, सतत विकास और समावेशी विकास जैसे मुद्दों पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करेंगे।

इसके अलावा, शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी कई अन्य वैश्विक नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें करेंगे, जिससे कूटनीतिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी।

भारत की जी20 अध्यक्षता के बाद, जी7 में उसकी सक्रिय भागीदारी वैश्विक नेतृत्व में भारत की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करती है।

यह शिखर सम्मेलन न केवल वैश्विक मुद्दों पर चर्चा का मंच है, बल्कि भारत के लिए अपनी प्राथमिकताओं को वैश्विक मंच पर पेश करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है।

Point of View

प्रधानमंत्री मोदी का इस शिखर सम्मेलन में भाग लेना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह न केवल वैश्विक मुद्दों पर चर्चा का मंच है, बल्कि भारत की बढ़ती शक्ति और उसकी वैश्विक भूमिका को भी दर्शाता है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी कब जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे?
प्रधानमंत्री मोदी 16 जून को कनाडा में आयोजित 51वें जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
जी7 शिखर सम्मेलन में कौन से देश शामिल हैं?
जी7 शिखर सम्मेलन में अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा शामिल हैं।
भारत को जी7 शिखर सम्मेलन में क्या भूमिका दी गई है?
भारत को इस सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मेलन में किन मुद्दों पर चर्चा करेंगे?
वे जलवायु परिवर्तन, डिजिटल परिवर्तन, और भारत की आत्मनिर्भरता पर चर्चा करेंगे।
जी7 शिखर सम्मेलन का महत्व क्या है?
यह सम्मेलन वैश्विक मुद्दों पर चर्चा का एक महत्वपूर्ण मंच है और भारत की वैश्विक भूमिका को दर्शाता है।