क्या प्रो. यूपी सिंह, एमपी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष, का निधन हो गया?

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क्या प्रो. यूपी सिंह, एमपी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष, का निधन हो गया?

सारांश

प्रो. यूपी सिंह, जिनका जीवन शिक्षा और समाज सेवा में समर्पित था, का निधन। उनकी उपलब्धियां और योगदान हमेशा याद किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया।

Key Takeaways

  • प्रो. यूपी सिंह का जीवन शिक्षा और सेवा में समर्पित रहा।
  • गणित के क्षेत्र में उनकी विद्वता अद्वितीय थी।
  • उन्होंने गोरक्षपीठ और शिक्षा परिषद की सेवा की।
  • उनका निधन समाज और शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा नुकसान है।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके कार्यों की सराहना की।

गोरखपुर, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष और पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. उदय प्रताप सिंह (यूपी सिंह) का निधन शनिवार को हो गया। 92 वर्षीय प्रो. सिंह पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ थे। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय गोरक्षपीठ और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद को समर्पित किया। उनके निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री रविवार को प्रो. सिंह के अंतिम संस्कार में गोरखपुर के राजघाट पर उपस्थित रहेंगे। प्रो. सिंह अपने पीछे दो पुत्रों, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वीके सिंह और यूपी कॉलेज के आचार्य प्रो. राजीव कृष्ण सिंह का परिवार छोड़ गए हैं।

मूल रूप से गाजीपुर जिले के निवासी प्रो. यूपी सिंह का जन्म 1 सितंबर 1933 को हुआ था। वे गोरक्षपीठ के तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य करने वाले विरले व्यक्तियों में से एक थे। गणित के विद्वान प्रो. सिंह की पहली नियुक्ति गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने एमपी शिक्षा परिषद के महाराणा प्रताप महाविद्यालय में की थी।

इसके बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय में गणित के शिक्षक के रूप में कार्य किया। वहाँ आचार्य और गणित विभाग के अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई। अपनी शैक्षिक सेवा में उन्होंने पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के कुलपति के रूप में भी कार्य किया। महंत दिग्विजयनाथ जी के स्मृतिशेष होने के बाद प्रो. यूपी सिंह ने गोरक्षपीठ की सेवा की।

वे डॉ. भोलेन्द्र सिंह के बाद 2018 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष बने और अपनी अंतिम सांस तक इस पद पर बने रहे। 2021 में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की स्थापना के समय उन्हें इसका प्रति कुलाधिपति बनाया गया। प्रो. यूपी सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी कई महत्वपूर्ण पदों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया। उनके निधन पर महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं में शोक की लहर है।

उनका अंतिम संस्कार रविवार (28 सितंबर) को पावन राप्ती नदी के राजघाट पर दोपहर 12 बजे से होगा। इस अवसर पर गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रो. सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद, गोरखपुर के अध्यक्ष, आदर्श शिक्षक, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में गणित विभाग के पूर्व आचार्य एवं अध्यक्ष, पूर्व कुलपति प्रो. यू.पी. सिंह जी का निधन अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों एवं अनुयायियों को सम्बल प्रदान करने की प्रार्थना है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद एवं समाज के लिए उनका जीवन सदा मार्गदर्शक बना रहेगा।”

-- राष्ट्र प्रेस

विकेटी/एएस

Point of View

बल्कि समाज के लिए भी। उनकी शिक्षण शैली और संगठनात्मक कौशल ने अनेक छात्रों को प्रेरित किया। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमें ऐसे शिक्षकों का सम्मान और ध्यान कैसे रखना चाहिए।
NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

प्रो. यूपी सिंह का जन्म कब हुआ?
प्रो. यूपी सिंह का जन्म 1 सितंबर 1933 को हुआ था।
प्रो. यूपी सिंह किस विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं?
प्रो. यूपी सिंह ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के कुलपति के रूप में कार्य किया।
प्रो. यूपी सिंह का अंतिम संस्कार कब होगा?
प्रो. यूपी सिंह का अंतिम संस्कार 28 सितंबर को राजघाट पर होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रो. सिंह के निधन पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने प्रो. सिंह के निधन को अपूरणीय क्षति बताया और दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
प्रो. यूपी सिंह की विशेषताएँ क्या थीं?
वे गणित के विद्वान और संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते थे।