क्या संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूएन-एससीओ सहयोग प्रस्ताव को भारी मतों से पारित किया?

सारांश
Key Takeaways
- यूएन-एससीओ सहयोग प्रस्ताव पारित हुआ।
- लगभग 40 देशों ने इस प्रस्ताव का सह-प्रायोजन किया।
- यह प्रस्ताव क्षेत्रीय शांति और सहयोग को बढ़ावा देता है।
- एससीओ की रचनात्मक भूमिका की पुष्टि की गई।
- वैश्विक शासन में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
बीजिंग, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 सितंबर को चीन द्वारा प्रस्तावित "संयुक्त राष्ट्र और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के बीच सहयोग" पर प्रस्ताव को भारी मतों से पारित कर दिया। सभी एससीओ सदस्य देशों सहित लगभग 40 देशों ने इस प्रस्ताव का सह-प्रायोजन किया।
इस प्रस्ताव में क्षेत्रीय शांति विकास, आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देने में एससीओ की रचनात्मक भूमिका की महत्वपूर्ण पुष्टि की गई। संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों को समर्थन देने के लिए एससीओ के प्रयासों का सकारात्मक मूल्यांकन किया गया, और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली और एससीओ के बीच संवाद और सहयोग को मजबूत करने का समर्थन किया गया।
रूस, किर्गिज़स्तान, बेलारूस, पाकिस्तान, ईरान, कंबोडिया, क्यूबा, वेनेजुएला, सर्बिया और अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने एससीओ के थ्येनचिन शिखर सम्मेलन और चीन द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों की अत्यधिक प्रशंसा की। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव को उच्च मतों से पारित किए जाने से एससीओ के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मान्यता और समर्थन को दर्शाता है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा प्रस्तावित वैश्विक शासन पहल समय की प्रवृत्ति के अनुरूप है और वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने तथा वैश्विक शासन में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)