क्या शेख हसीना की उम्रकैद की सजा फांसी तक बढ़ाने की मांग की गई है?

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क्या शेख हसीना की उम्रकैद की सजा फांसी तक बढ़ाने की मांग की गई है?

सारांश

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की उम्रकैद की सजा को फांसी में बदलने की मांग की गई है। जानिए इसके पीछे की वजहें और अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय की अपील के बारे में।

Key Takeaways

  • शेख हसीना की उम्रकैद की सजा को फांसी में बदलने की मांग की गई है।
  • आईसीटी के अभियोजक ने अपील दाखिल की है।
  • जुलाई विद्रोह के दौरान किए गए अपराधों के लिए यह सजा बढ़ाने की मांग की गई है।
  • इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
  • आगे की प्रक्रिया में निर्णय आने के तीस दिनों के भीतर कार्रवाई होगी।

ढाका, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को दी गई उम्रकैद की सजा को फांसी तक बढ़ाने की मांग की गई है। इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (आईसीटी) के अभियोजक ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय अदालत में एक याचिका दायर की है। इस याचिका में शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल की सजा बढ़ाने की मांग की गई है।

बांग्लादेशी मीडिया बीएसएस न्यूज के अनुसार, अपील में जुलाई में हुए सामूहिक विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ किए गए कुछ अपराधों के लिए उनकी सजा को मौत तक बदलने की मांग की गई है।

आईसीटी अभियोजक गाजी एमएच तममी ने कहा कि जुलाई विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ किए गए अपराधों के लिए उम्रकैद की सजा पर्याप्त नहीं है और इसकी जगह मृत्यु दंड दिया जाना चाहिए।

हसीना और कमाल के लिए मौत की सजा की अपील के बाद ट्रिब्यूनल परिसर में एक प्रेस ब्रीफिंग में तममी ने कहा, "पहला फैसला फिर से बने आईसीटी में सुनाया गया था। जुलाई विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में, हसीना और कमाल को सजा सुनाई गई थी। उन्हें एक आरोप में उम्रकैद और दूसरे में मौत की सजा मिली थी।"

उन्होंने कहा, "हमने आज सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय अदालत में अपील की है कि उम्रकैद की जगह मौत की सजा दी जाए। इसके लिए आठ वजहें बताई गई हैं। फैसला आने के तीस दिनों के अंदर अपील फाइल करनी होती है। हमने यह पहले ही कर दिया था। अपील के साठ दिनों के अंदर सेटलमेंट का नियम है। मुझे उम्मीद है कि इस अपील का निपटारा उस समय के अंदर हो जाएगा।"

यह कदम 17 नवंबर को दिए गए इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-1 के फैसले के एक हिस्से को चुनौती देता है, जिसमें ट्रिब्यूनल ने दोनों नेताओं को एक बड़े आरोप में मौत की सजा और एक अलग आरोप में प्राकृतिक तरीके से मौत तक जेल की सजा सुनाई थी।

मीडिया से बातचीत के दौरान सोमवार को तमीम ने कहा, “हमने आज आठ वजहों से अपील फाइल की है ताकि उन आरोपों में सजा बढ़ाई जा सके, जिनमें उन्हें उम्रकैद की सजा दी गई थी।”

Point of View

यह समाचार बांग्लादेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ दर्शाता है। शेख हसीना की सजा का मुद्दा बांग्लादेश के लिए न केवल न्याय के सवाल पर बल्कि राजनीतिक स्थिरता पर भी प्रभाव डाल सकता है।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

शेख हसीना को किस अपराध के लिए उम्रकैद की सजा मिली है?
उन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
क्या उनकी सजा को फांसी में बदला जा सकता है?
इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने इस मामले में अपील दायर की है, जिसमें उनकी सजा को फांसी में बदलने की मांग की गई है।
इस मामले में अगला कदम क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय अदालत में अपील के बाद, निर्णय आने के तीस दिनों के भीतर कार्रवाई की जाएगी।
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