क्या शी चिनफिंग ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के साथ वार्ता की?
सारांश
Key Takeaways
- चीन-दक्षिण कोरिया संबंधों का स्थिर और स्वस्थ विकास आवश्यक है।
- आपसी सहयोग को बढ़ाने की आवश्यकता है।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान से आपसी समझ में वृद्धि होगी।
- क्षेत्रीय शांति के लिए बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करना महत्वपूर्ण है।
- चीन का 15वीं पंचवर्षीय योजना का स्पष्ट उद्देश्य आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।
बीजिंग, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू संग्रहालय में राष्ट्रपति ली जे-म्यांग के साथ एक महत्वपूर्ण वार्ता की। नवंबर की सुनहरी धूप और ग्योंगजू की शरद ऋतु के मौसम में, राष्ट्रपति शी का गर्मजोशी से स्वागत दक्षिण कोरियाई सम्मान गार्ड और राष्ट्रपति ली द्वारा किया गया।
राष्ट्रपति शी ने उनके साथ गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी ली, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच औपचारिक वार्ता हुई।
शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और दक्षिण कोरिया एक-दूसरे के लिए महत्वपूर्ण पड़ोसी और अविभाज्य साझेदार हैं। राजनयिक संबंधों की स्थापना के 33 वर्षों में, दोनों देशों ने सामाजिक व्यवस्थाओं और विचारधाराओं में मतभेदों को पार किया है, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया है और पारस्परिक सफलता व समान समृद्धि हासिल की है।
शी के अनुसार, यह स्पष्ट हो चुका है कि चीन-दक्षिण कोरिया संबंधों का स्थिर और स्वस्थ विकास दोनों देशों के बुनियादी हितों के अनुरूप है और यह समय की मांग भी है। चीन इस संबंध को बहुत महत्व देता है और सहयोग को गहरा करना चाहता है, ताकि क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए और अधिक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान की जा सके।
शी चिनफिंग ने चीन-दक्षिण कोरिया संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत के लिए चार प्रमुख सुझाव दिए। पहला, रणनीतिक संचार को मजबूत करना और आपसी विश्वास की नींव को मजबूत करना।
दूसरा, आपसी लाभ वाले सहयोग को गहरा करना। चीन दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर पारस्परिक लाभ और उभय जीत के सिद्धांत को कायम रखते हुए, चीन-दक्षिण कोरिया मुक्त व्यापार समझौते पर दूसरे चरण की वार्ता में तेजी लाना चाहता है।
तीसरा, राष्ट्रीय भावना को बढ़ाना और आपसी समझ को बढ़ावा देना।
चौथा, बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करना और शांति को संयुक्त रूप से बढ़ावा देना।
राष्ट्रपति ली जे-म्यांग ने शी चिनफिंग की 11 वर्षों बाद हुई इस राजकीय यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
वार्ता के बाद, दोनों देशों के राष्ट्रपतियों की उपस्थिति में व्यापार, वित्त, कृषि, कानून प्रवर्तन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में कई सहयोग दस्तावेजों का आदान-प्रदान हुआ।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)